ध्वनि नियंत्रण हेतु जिला स्तरीय उड़नदस्ता गठित
जारी आदेश के अनुसार शहडोल जिले के अंतर्गत ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण हेतु जिला स्तरीय उड़नदस्ता दल गठित किया गया है। जिला स्तरीय उड़नदस्ता दल में अपर कलेक्टर जिला स्तरीय नोड़ल अधिकारी, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी जिला स्तरीय नामित अधिकारी एवं संबंधित थाने का थाना प्रभारी पुलिस प्रतिनिधि होगे।
जारी आदेश में कहा गया है कि सभी उपखंड मजिस्ट्रेट अपने-अपने क्षेत्रांतर्गत उड़नदस्ता दलों का गठन कर संकलित सक्ष्य एवं उड़नदस्ते द्वारा की गई प्रारंभिक जांच प्रतिवेदन एवं उपलब्ध तथ्यों के आधार पर समुचित प्राधिकारी नियमों के उल्लंघनकर्ता प्रबन्धक / सम्बन्धित व्यक्ति को समुचित सुनवाई का अवसर प्रदान करने हेतु अविलम्ब विधिवत नोटिस जारी करने की कार्यवाही की जावे, अनावेदक को सुनवाई का अवसर देने के उपरान्त प्राधिकारी/मजिस्ट्रेट यथावश्यक धारा 133 दण्ड प्रक्रिया संहिता की कार्यवाही, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के सुसंगत प्रावधानों के अन्तर्गत कार्यवाही, ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 के सुसंगत प्रावधानों के अन्तर्गत काप्रवाही, म.प्र. कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 के सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही विधिवत सुनिश्चित की जावेगी। () सक्षम प्राधिकारी/मजिस्ट्रेट को अपने समक्ष प्रचलित उक्त समस्त कार्यवाहियों में दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 के अन्तर्गत तलाशी, जबती, साक्ष्य अभिलेखन, आदेशिकायें निर्गत करने की समस्त शक्तियां प्राप्त हैं, बतौर प्राधिकारी यदि मजिस्ट्रेट प्रकरण में यथास्थिति धारा-188, 190 भारतीय दण्ड संहिता अथवा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम की धारा-15, म.प्र. कोलाहल नियंत्रण अधिनियम एवं अन्य किसी सुसंगत प्रावधानों में अभियोजन की कार्यवाही को समुचित पाता है तो समुचित प्राधिकारी अथवा उड़न दस्ते के प्रभारी को जैसा भी व समीचीन समझे, प्रकरण में यथास्थिति प्रथम सूचना रिपोर्ट अथवा सक्षम न्यायालय के समक्ष परिवाद प्रस्तुत करने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जावे, प्राधिकारी यदि पाता है कि प्रकरण में शिकायत मिथ्या थी या लघु प्रकृति की है, तो अभिलिखित किये जाने वाले कारणों का उल्लेख करते हुए किसी भी शिकायत में संक्षिप्त प्रक्रिया अपनाते हुए प्रकरण निक्षेपित किया जा सकेगा, प्राधिकारी , मजिस्ट्रेट अपने क्षेत्रान्तर्गत आदेश के पैरा 3 में उल्लेखित कार्यवाही का अनुपालन कर साप्ताहिक समीक्षा रिपोर्ट जिला स्तर पर की जावे तथा आवश्यक कार्यवाही उपरान्त प्रथम पालन प्रतिवेदन दिनांक 29.12.2023 को उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें, ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउडस्पीकर/डी०जे०) के नियम विरुद्ध, अनियंत्रित व अवांछित प्रयोग से आपस में विवाद व तनाव की घटनायें निर्मित होने स्थिति में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के नियम विरुद्ध व अनियंत्रित प्रयोग पर प्रभावी नियंत्रण लगाने हेतु ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 यथासंशोधित के नियम 3(1) तथा 4(1) के अनुसार नियमावली के शेड्यूल में अंकित अनुमत्य अधिकतम ध्वनि सीमा (डेसिबल में) के अन्तर्गत ध्वनि मानकों के प्रावधानों का पालन करते हुए सामान्यतः मध्यम आकार के अधिकतम 02 डी०जे० के प्रयोग को ही अनुमत्य किया जाये। डी० जे० व लाउडस्पीकर की विधिवत अनुमति अवश्य ली जाये, किसी भी संस्था,व्यक्ति द्वारा ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 यथासंशोधित के प्राविधानों का पालन करते हुए ही ध्वनि विस्तारक यंत्र,लाउडस्पीकर, डी०जे० का प्रयोग किया जा सकेगा। ऐसे कार्यकम जिनमें नियमों का पालन न करते हुए डी०जे० या ध्वनि विस्तारक यन्त्रों का अनियंत्रित रूप में प्रयोग किया जाता है, उनके आयोजकों के विरुद्ध नियमानुसार विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये, यदि पाया जाता है कि किसी शासकीय अधिकारी, कर्मचारी, जिसका ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 यधारांशोधित के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित कराने का दायित्व था, परन्तु उसके द्वारा ऐसा न करने के कारण किसी धार्मिक स्थल,सार्वजनिक स्थत अथवा कार्यकम में नियम किद्ध ध्वनि विस्तारक यंत्र,लाउडस्पीकर,डी०जे० प्रयोग में लाया गया हो तो जिम्मेदार अधिकारी,कर्मचारी के विरुद्ध यथोचित अनुशासनात्मक कार्यवाही सक्षम प्राधिकारी द्वारा किया जाना सुनिश्चित किया जाए।