वनक्षेत्र में रेत का अवैध खनन और भंडारण रोकने डीएफओ की रूचि नहीं
Junaid khan - शहडोल। हेलीकॉप्टर से रीवा से सीधी जाते समय बीते 15 मई को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहडोल, सीधी व मैहर जिले के वनक्षेत्र से लेकर सोन घड़ियाल अभ्यारण्य क्षेत्र में रेत के अवैध खनन और भंडारण का जो नजारा देखा वो चौंकाने वाला रहा। वन और अभ्यारण्य क्षेत्र से गुजरने वाली नदियों की आंखों देखी दुर्दशा और रेत के अवैध खनन और परिवहन के सच से सीएम ने भोपाल पहुंचकर सीएस अनुराग जैन को अवगत कराया। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने 29 मई को हुई वीसी (वीडियो कांफ्रेंसिंग) में संबंधित जिले के अधिकारियों को सीएम की चिंता से अवगत कराया। अगले ही दिन (30 मई) शहडोल सीसीएफ अजय कुमार पांडेय ने जिले के दोनों डीएफओ (नार्थ और साउथ) को पत्र लिखकर शासन स्तर पर बनी चिंता से वाकिफ कराया। साथ ही निर्देश दिए कि ड्रोन कैमरे से वन क्षेत्र में हो रहे रेत के अवैध खनन और भंडारण की पातासाजी की जाए। लगातार निगरानी, निरीक्षण और कार्रवाई भी हो। इधर, चीफ सेक्रेटरी से 15 दिन पहले मिले निर्देशों पर जंगल महकमे की कार्यवाही लगभग शून्य ही रही। सीएस की वीसी में मौजूद जिला प्रशासन व खनिज विभाग के अफसरों द्वारा भी आला अफसर के निर्देशों को तवज्जो नहीं दी गई। खनिज विभाग के अधिकारियों को अभी भी कार्रवाई के लिए शहडोल कलेक्टर के निर्देश का इंतजार है। इस संबंध में कलेक्टर डॉ. केदार सिंह का पक्ष जानने उनके मोबाइल पर शुक्रवार शाम 5.07 बजे फोन लगाया गया लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया।
कई बड़े हादसे हुए लेकिन...
सथनी नदी के किनारे ग्राम सथनी, बुड़वा व सुखाइ में जेसीबी से रेत निकालकर नदी किनारे ही भंडारण किया जाता है। संरक्षित वनक्षेत्र सोन घड़ियाल में भी बनास नदी से रेत का अवैध खनन कर भंडारण व परिवहन किया जा रहा है, जबकि यह प्रतिबंधित क्षेत्र है। इन्हीं इलाकों में रेत के अवैध खनन और परिवहन को रोकने के प्रयासों में कई हादसे भी हुए। पटवारी और एएसआई की हत्या तक हो गई लेकिन मनमानी नहीं थमी।
इनका कहना है
वीसी में मिले निर्देश के बाद शहडोल के दोनों डीएफओ को 30 मई को ही पत्र जारी कर वनक्षेत्र में मनमाने खनन व भंडारण पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। 'अब तक कार्रवाई पर रवैया उदासीन है, 15 दिन में हुई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी गई है।
अजय कुमार सीसीएफ शहडोल