सीएम हेल्पलाइन की शिकायत से भी नही मिला न्याय
Junaid khan - शहडोल। अनूपपुर जिला मुख्यालय के पालटेक्निक कालेज के पास 15 अक्टूबर 2024 को भवन निर्माण के कार्य मे मजदूर कार्य कर रहे थे, उसी समय वहाँ पर जमीन का विवाद होने लगा, वहाँ एक महिला व एक पुरुष मजदूरों के पास आकर गंदी-गंदी गालियां देकर बोले की यहाँ से भाग जाओ अगर दुबारा यहाँ काम करने आए तो जान से मार देगे। पीड़ित ने इसकी शिकायत अजाक थाना अनूपपुर में की थी मगर आज तक कोई कार्यवाही नही हुई।
सीएम हेल्पलाइन में हुई शिकायत
पीड़ित द्वारा अजाक थाना में शिकायत करने के बाद जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो पीड़ित ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की तो प्रशासन ने कार्यवाही न करते हुए सीएम हेल्पलाइन को कटवा दिया गया। तो पीड़ित ने फिर से 3 मार्च 2025 को सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की मगर 2 माह बीत जाने के बाद भी पीडित को न्याय नही मिल पा रहा है। गाली गलौच और जान से मारने की धमकी देने वाले खुलेआम घूम रहे हैं। कार्यवाही कब होगी यह समझ से परे है पुलिस प्रशासन हाथ मे हाथ धरकर बैठी हैं। और पीड़ित परेशान औऱ डरा हुआ है।
नही हो रही है कार्यवाही
अजाक थाना में शिकायत किए हुए 6 माह से ज्यादा समय ग़ुज़र गया है। सीएम हेल्पलाइन में शिकायत किए 2 माह हो चुके हैं, मगर जांच के नाम पर केवल कागजी खानापूर्ति करके मामले को ठंडे बस्ते मे डाल दिया गया है। गरीबो को शिकायत करने व न्याय पाने कोई अधिकार नही है, पुलिस प्रशासन आखिर कार्यवाही क्यू नही कर रही हैं जांच का विषय है।
पीड़ित है असुरक्षित
शिकायत के बाद पीड़ित अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहा है। पीड़ित मजदूरी का कार्य करता है और अपने परिवारघर से निर्माण स्थल आना जाना करता है, कभी भी धमकी देने वाले अप्रिय घटना कर सकते हैं, जिसे पीड़ित व उसके परिवार को आर्थिक मानसिक क्षति हो सकती है। जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन व धमकी देने वालो की होगी।
धमकी देने वाला रसूखदार
प्राप्त जानकारी के अनुसार गरीब आदिवासी मजदूर को धमकी देने वाले लोग काफी पैसे वाले व रसूखदार लोग है, इनकी पकड़ भोपाल के मंत्रियों से है, राजनैतिक पकड़ अच्छी होने के कारण इन पर कार्यवाही नही हो पा रही है, इनके रसूख के आगे प्रशासन मौन हैं, जबकि इनके खिलाफ शिकायत होती हैं तो भोपाल से फ़ोन आ जाता हैं जिससे धमकी देने वाले आजाद घूम रहे हैं। पुलिस कुछ नही कर पा रही हैं।
पीड़ित बैठेगा धरने पर
6 माह से पीड़ित मानसिक प्रताड़ना का शिकार हैं, गरीब आदिवासी पीड़ित न्याय की गुहार लगाने के अलावा कुछ कर भी नही सकता उसकी अजाक थाना से सीएम हेल्पलाइन तक शिकायत के बाद कार्यवाही नही होता देख पीड़ित मन बना रहा है वह न्याय के लिए कभी धरने व अनशन में बैठ सकता है। अब देखने वाली बात होगी कि पीड़ित को अनशन में बैठने के बाद भी न्याय मिलेगा या नही।