RPF–GRP और कोतवाली पुलिस की नाकामी उजागर, जनता में उबाल
फरियादी अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहा, आरोपी खुलेआम घूम रहा
Junaid khan-शहडोल। मध्यप्रदेश के शहडोल दिनाँक 30 नवंबर 2025 को रेलवे स्टेशन के बाहर रविवार देर रात एक खौफनाक घटना ने शहर की कानून व्यवस्था की असलियत सामने ला दी। स्टेशन के मुख्य गेट पर दो ऑटो चालकों के बीच भीषण विवाद हुआ, जिसमें आरोपी राज उर्फ टाइगर ने ऑटो चालक प्रकाश कुशवाहा पर पत्थर से हमला कर सिर फोड़ दिया। स्थिति इतनी भयावह थी कि यदि अन्य ऑटो चालक और नागरिक बीच में न आते, तो आज मौत की खबर लिखी जा रही होती। सबसे हैरानी की बात यह कि यह घटना RPF और GRP थानों के ठीक सामने घटी, जहाँ से पुलिस के आने में 5 सेकंड भी नहीं लगने चाहिए थे, लेकिन मौके पर एक भी पुलिसकर्मी नहीं पहुंचा। सूचना देने के बावजूद रेलवे पुलिस के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी।
अब सवाल यह कि आरपीएफ व जीआरपी पुलिस और क्या क्या करायेगी और क्या बचा है देखने को
क्या पुलिस सो रही थी, या दिखने से बच रही थी? रेलवे स्टेशन के बाहर नशा, जुआ, सट्टा और गुंडागर्दी का राज? सूत्र बताते हैं कि RPF थाने के सामने बना ऑटो स्टैंड अपराधियों का सुरक्षित अड्डा बन चुका है। सड़क पर अवैध पार्किंग कर जाम लगाया जाता है। ऑटो चालक खुलेआम नशे में धुत्त रहते हैं। जुआ-सट्टा चलता है। झगड़े रोज़मर्रा की बात है। पुलिस सब कुछ देखते हुए भी मूक दर्शक बनी रहती है।
लोगों का कहना है
यहाँ सब कुछ पुलिस की नाक के नीचे हो रहा है… अगर कार्यवाही नहीं होती, तो समझो कहीं न कहीं मोटी सेटिंग चल रही है। आरपीएफ और जीआरपी की सारी करतूत आपको स्टेसन परिसर की तीसरी आंख सीसीटीवी कैमरे में दिख जाएगी। कि कैसे नशा,झगड़ा,जुआ,सट्टा, व अवैध कारोबार चलते है। बस एक नजर ऊपर बैठे अधिकारी आकर जांच करलें फिर दूध का दूध पानी हो जाएगा। लेकिन आज कल ऊपर बैठे अधिकरी भी सब नीचे से ऊपर तक मिले हुए है। आखिर क्यों नही मिलेंगे मोटी गद्दी जो जाती है। ईमानदारी की पेमेंट व रेलवे की इतनी सुविधा से इन अधिकारियों का काम नही चलता है। ऐसे क्यों कह रहे है हम की हमेशा मीडिया के इतना छापने के बाद व ऊपर बैठे जोन व मंत्रियों तक खबर समेत वीडियो प्रमाण के साथ उनके ट्वीट अकाउंट में उनके संज्ञान में लाने के बाद भी कोई फर्क नही पड़ता है। यहां अधिकारी भी आते है तो उंनको समझा दिया जाता है। न कभी कैमरे जांच होते है। न कभी कोई निरीक्षण होते है। गड्डियो में इतना डम है साहब क्यों कुछ जांच कार्यवाही होगी। सूत्रों के अनुसार, RPF थाने के ठीक सामने बना ऑटो स्टैंड अवैध गतिविधियों का केंद्र बन चुका है। सवारियों को ग़ैर-क़ानूनी रास्तों से अंदर तक ले जाया जाता है। लोहे की रॉड हटाकर अवैध प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। पान-सिगरेट जैसी वस्तुएँ स्टेशन गेट पर खुलेआम बिकती हैं। जिस वजह से लोग सिगरेट,बीड़ी,माचिस,लाइटर, जैसी चींजे ट्रेनों में ले जाते है। जिससे कभी भी बड़ी घटना हो सकती है। आरपीएफ यह अवैध कारोबार पर सह देकर किसी भी दिन बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है?
एक से दो माह के अंदर रेलवे स्टेशन परिसर में कई लड़ाई झगड़े के मामले आए सामने
पहला,गोपाल गुप्ता ने स्टेसन के अंदर घुश्कर सवारी से मारपीट की,दूसरा मुन्ना ऑटो वाहन चालक से गाड़ी पार्किंग स्टेंड ठेकेदार से झगड़ा व मारपीट हुई ठीक आरपीएफ थाने के सामने,तीसरा स्टेसन के मेन गेट के ठीक सामने आकाश ऑटो वाहन चालक का टाइगर द्वारा सर फोड़ा गया। और भी कई मामले छोटे मोटे रोज होते रहने की खबर आती रहती। अब ऐसे में क्यों न उठे आरपीएफ व जीआरपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल। गाड़ी पार्किंग स्टैंड ठेकदार से जब पूछा गया कि स्टैंड ठेकदार और ऑटो चालक से किस बात में झगड़ा हुआ तो उसने बताया कि यहां ठीक आरपीएफ थाने सामने से काफी दूर तक ऑटो बाहर लगाकर जाम लगाते है। और झगड़ा नशा करते है कुछ बोलो तो उल्टा मारपीट पर उतर आते है। ऐसे आरपीएफ को यह देखना चाहिए तो हम लोगो को देखना पड़ता है। जिसके चलते आए दिन ठेकेदार व कर्मचारी के साथ ऑटो वाले नशे में रहकर झगड़ा करते है। जो काम एक पुलिस को करना चाहिए जोकि रेलवे की आरपीएफ व जीआरपी पुलिस है। वह काम हम स्टैंड के लोग करते है। और लड़ाई झगड़े होते है फिर भी आरपीएफ नही आती है।
साहब, मेरी जान बचा लीजिए अस्पताल में तड़पता घायल चालक
फरियादी प्रकाश उर्फ कुशवाहा (25) ने बताया कि रात 11:50 बजे आरोपी राज उर्फ टाइगर ने गाली देते हुए हमला कर दिया और पत्थर उठाकर सिर पर जोरदार वार कर दिया। गंभीर स्थिति में उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने तुरंत भर्ती किया और सिर में कई टांके लगाए। हालत अभी भी नाजुक बताई जा रही है।
घायल प्रकाश की दर्दभरी अपील
अगर लोग मुझे न बचाते तो आज मैं जिंदा नहीं होता। आरोपी टाइगर खतरनाक गुंडा है। वह मुझे जान से मार देगा। मेरी रक्षा कीजिए और उसे जेल भेजिए। न्याय दीजिए साहब। प्रकाश ने बताया कि आरोपी पर पहले से कई आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं, और वह स्टेशन पर वर्षों से दहशत फैलाता आया है।
कोतवाली पुलिस भी कटघरे में मामूली धाराएँ क्यों लगाईं?
इतने खतरनाक हमले के बाद भी कोतवाली पुलिस ने सिर्फ:BNS 296(B) BNS 115(2) BNS 351(2) के तहत केस दर्ज किया, जबकि यह जानलेवा हमला और हत्या का प्रयास था। कानूनविदों का कहना है कि धारा 109 व 307 (हत्या का प्रयास) जैसी बड़ी धाराएँ लगनी चाहिए थीं।
जनता पूछ रही है
कोतवाली पुलिस पर भी उठीं उंगलियाँ,लोग पूछ रहे हैं। गश्त करने वाली पुलिस कहाँ थी?स्टेशन जैसे संवेदनशील क्षेत्र में पुलिस की मौजूदगी क्यों नहीं? आखिर पुलिस आरोपी को क्यों बचा रही है? क्या राजनीतिक दबाव है या रिश्वत का खेल?चौंकाने वाली बात यह कि जब घायल को अस्पताल ले जाया जा रहा था, तभी आरोपी अपनी माँ के साथ थाने पहुँचकर उल्टा झूठा मामला दर्ज कराने पहुँचा ताकि काउंटर केस बनाकर बच निकल सके। इससे बड़ा प्रमाण और क्या चाहिए कि आरोपी कितना शातिर है?
जनता की मांग आरोपी को तुरंत गिरफ्तार करो, जेल भेजो,जिला बदर करो
स्थानीय नागरिक, ऑटो चालक और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने माँग की है:आरोपी टाइगर को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। जिला बदर की कार्रवाई हो। RPF, GRP और कोतवाली पुलिस की जांच SIT से करवायी जाए। स्टेशन क्षेत्र से अवैध गतिविधियाँ पूरी तरह खत्म की जाएं।
लोगों ने चेतावनी दी
अगर पुलिस अब भी नहीं जागी, तो अगली बार किसी की लाश उठानी पड़ेगी। न्याय की मांग-फरियादी को न्याय मिलना चाहिए। आरोपी को सख्त से सख्त सज़ा मिलनी चाहिए। पुलिस अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
पूरा मामला इस प्रकार है फरियादी की जुबान
फरियादी प्रकाश कुशवाहा पिता स्व. सतोष कुशवाहा उम्र 25 वर्ष निवासी सिहपुर रोड पुट्ठी बाड़ा वार्ड न.28 शहडोल थाना कोतवाली कोतवाली जिला शहडोल का हमराह अपने दोस्त ऋषभ गुप्ता, अभिषेक केवट, पुष्पराज श्रीवास्तव के थाना उपस्थित आकर मौखिक रिपोर्ट लेख कराया कि उक्त पते पर रहता हूँ। किराये से आटो लेकर सवारी रेल्वे स्टेशन से शहर में लाता ले जाता हूं। दिनांक 30.11.2025 को रात्रि करीबन 11.50 बजे रेल्वे स्टेशन के सामने आटो स्टैण्ड के पास आटो खड़ा करके वहीं पर बैठा था तभी राज जायसवाल उर्फ टाइगर पिता सतीश जायसवाल,कुदरी रोड पास शहडोल में घर है। जो आटो चलाता है। वह मेरे पास आया और मुझे गंदी गंदी गाली देने लगा और बोला तू बहुत बड़ा दादा बनता है। मेरी बुराई करता है मे उसे गाली देने से मना किया तो वह मुझसे लपट पड़ा और हाथ मुक्का से मारपीट करने लगा और वहीं पर एक पत्थर का टुकड़ा उठा कर मारा जो मेरे दाहिने तरफ कान के ऊपर सिर में लगा और खून बहने लगा बचने के लिये चिल्लाया तो वही पर खड़े आटो चालक ऋषभ गुप्ता, अभिषेक केवट, पुष्पराज श्रीवास्तव दौड़ कर राज जायसवाल से मुझे बचाये उसके मारपीट करने से मेरे दाहिने कान के पीछे व दाहिने तरफ सिर में, गले में, बायी हाथ के उंगली में चोट लगी है। राज जायसवाल उर्फ टाईगर कह रहा था गाली देकर की दोबारा रेल्वे स्टेशन तरफ दिखा तो जान से खत्म कर दूंगा। रिपोर्ट करता हूं कार्यवाही की जाये। और मुझे न्याय दिलाया जाए। नही तो मैं अगर अपने साथ कुछ करता हु तो जिसकी जिम्मेदार शहडोल पुलिस होगी। थाना प्रभारी जी से निवेदन करता हु की यह जो आरोपी है वह बोहोत बड़ा गुंडा है और इसके साथ साथ इसकी माता भी इसका यह सब मे सपोर्ट करती है। और इसके खिलाफ थाना कोतवाली व थाना सोहागपुर में कई मामले दर्ज है। यह मेडिकल नशा करके रेलवे स्टेशन हो या बस स्टैंड यहां आए दिन झगड़ा करता है। और अपनी माता को आगे कर देता है। हर जगह इसकी जांच करवा कर फाइल देखी जाएं तो कई मामले सामने आएंगे इसके ऊपर बड़ी से बड़ी कार्यवाही कारिये। एवं कई मामलों को देखते जिला बदर भी कर दीजिये जनता का कहना है। नही तो वह दिन दूर नही है जब यह टाइगर आरोपी किसी भी ऑटो चालक की जान ले लेगा।


