महीनों से प्रशासन के सामने वेतन की भीख मांग रहे कर्मचारी, आखिर 150 आउटसोर्स कर्मचारियों को दिखाया बाहर का रास्ता

महीनों से प्रशासन के सामने वेतन की भीख मांग रहे कर्मचारी, आखिर 150 आउटसोर्स कर्मचारियों को दिखाया बाहर का रास्ता 


Junaid khan - शहडोल। जिले के शासकीय अस्पतालों में कार्यरत करीब डेढ़ सौ आउटसोर्स सपोर्टिंग स्टाफ को कंपनी ने 1 जून से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इसके साथ ही चार महीने का वेतन भी नहीं दिया गया है। अब इन कर्मचारियों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। कर्मचारियों की माने तो ठेका कंपनी 31 मई के बाद से काम लेना बंद कर दिया है, साथ ही अटेंडनेंस रजिस्टर भी नहीं दिया जा रहा है। कर्मचारियों को चार महीने का पारिश्रमिक भुगतान नहीं होने से आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सभी कर्मचारी सीएमएचओ व सिविल सर्जन के दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं पर इनके परेशानियों को सुनने वाला कोई नहीं है। सपोर्टिंग स्टाफ की तरह करते थे काम कर्मचारियों ने बताया कि ठेका कंपनी की तरफ से उन्हें जनवरी से काम पर रखा गया था, जो जिला चिकित्सालय सहित अन्य शासकीय अस्पतालों में सपोर्टिंग स्टॉफ के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे। कर्मचारियों को 7500 रुपए पारिश्रमिक देने की बात कही गई थी, कंपनी की तरफ से सिर्फ एक महीने का वेतन दिया गया है। जनवरी में हुए टेंडर में कुछ पुराने कर्मचारियों को भी समायाजित कर दिया गया था, कर्मचारियों ने बताया कि इसके पहले समय पर पारिश्रमिक का भुगतान कर दिया जाता था, लेकिन जब से नई कंपनी में ज्वाइन किए हैं, तब से वेतन की समस्या हो रही है।

 इनका कहना है

आउटसोर्स कर्मचारियों के पारिश्रमिक भुगतान के लिए मांग पत्र भेजा गया है, शासन स्तर से बजट मिलने पर भुगतान किया जाएगा।

 डॉ. राजेश मिश्रा, सीएमएचओ शहडोल 

जिला चिकित्सालय में आउटसोर्स कर्मचारियों का वेतन नहीं आने से अभी होल्ड कर दिया है। वेतन आने के बाद फिर से काम पर बुलाया जाएगा।

 डॉ. शिल्पी सराफ, सिविल सर्जन शहडोल

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