पिता की आंखों में आस थी, सांसद ने लिखा भी, फिर भी 4 माह बाद का समय दे दिया
Junaid khan - शहडोल। पितृ दिवस पर एक पिता की तकलीफ, एक बेटी की जिंदगी की जंग, और सिस्टम की बेरुखी ने झकझोर कर रख दिया है। शहडोल निवासी प्रमोद कुमार मिश्रा की 8 वर्षीय बेटी पिछले 8 महीनों से किडनी, लिवर और दिल की गंभीर बीमारियों से जूझ रही है। दिल की पंपिंग सिर्फ 20 प्रतिशत है। लिवर सूजा हुआ और किडनी लगभग जवाब दे चुकी है। ऐसे में समय ही जिंदगी है, लेकिन एम्स दिल्ली ने उन्हें इलाज के लिए 14 अक्टूबर की तारीख दी है। बच्ची की गंभीर हालत बताते हुए 1 जुलाई के लिए अपॉइंटमेंट मांगा और सांसद हिमाद्री सिंह ने एम्स निदेशक को पत्र लिखा, तब भी कोई राहत नहीं मिली। प्रमोद मिश्रा ने सोशल मीडिया में लिखा है- मैं खुश था कि जनता की आवाज न सही, पर संसद की आवाज़ तो सुनी जाएगी। लेकिन जब सांसद का पत्र लेकर 6 घंटे इधर-उधर भटका और फिर भी अक्टूबर की तारीख मिली तो मैं टूट गया। मेरी बेटी की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ रही है, लेकिन सिस्टम को फर्क नहीं पड़ता। प्रमोद कहते हैं, डॉक्टरों से व्यक्तिगत बात हुई है। एक-दो दिन में सहयोग की बात कही है। जुलाई में स्लॉट खाली, फिर भी नहीं दी तारीख : प्रमोद बताते हैं, वेबसाइट पर अभी भी 10 जुलाई का स्लॉट खाली है। इसके बावजूद लंबी तिथि दी गई। पिता की फरियाद, मुफ्त इलाज नहीं सिर्फ वक्त चाहिए प्रमोद मिश्रा कहते हैं- मैं एहसान नहीं मांग रहा। बस इतना चाहता हूं कि मेरी बेटी को समय पर इलाज मिल जाए। हमने अब तक अपना सब कुछ इलाज में लगा दिया है।