कैफे के बोर्ड के पीछे छिपा मेडिकल कॉलेज,गर्भवती महिला के साथ हुआ जोखिम

कैफे के बोर्ड के पीछे छिपा मेडिकल कॉलेज,गर्भवती महिला के साथ हुआ जोखिम



Junaid khan - शहडोल। इन दिनों जिले व शहर की शासकीय संस्थाओं के मार्गदर्शक बोर्ड अब निजी ढाबा और कैफे संचालकों के बड़े-बड़े प्रचार बोडौँ के पीछे दबते जा रहे हैं। स्थिति यह है कि 24 घंटे इमरजेंसी सेवा देने वाले शासकीय मेडिकल कालेज अस्पताल का संकेतक बोर्ड तक कई स्थानों पर साफ दिखाई नहीं देता, जिससे बाहर से आने वाले मरीज और एंबुलेंस चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बीते शुक्रवार की रात उमरिया जिले से एक गर्भवती महिला को लेकर 108 एंबुलेंस शहडोल मेडिकल कालेज अस्पताल पहुंची थी। रात होने के कारण एंबुलेंस का पायलट रास्ता नहीं तलाश पा रहा था। वे रास्ते की जानकारी उसे ठीक से नहीं थी। शासकीय बोर्ड निजी कैफे के बोर्ड के पीछे दबे होने के कारण एंबुलेंस करीब दो किलोमीटर आगे निकल गई। संदेह होने पर चालक वापस लौटा, तब जाकर एक प्राइवेट कैफे के बड़े बोर्ड के पीछे छिपा मेडिकल कालेज का संकेतक दिखाई दिया। इसके बाद गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाया जा सका। हाईवे पर स्थित एक ढाबा संचालक ने तो एनएचआइ द्वारा सड़क किनारे लगाए गए शासकीय बोर्ड पर ही कब्जा कर लिया है। इस बोर्ड पर मेडिकल कालेज लिखा हुआ है, लेकिन उसके ऊपर ढाबे का बड़ा बोर्ड लगा दिए जाने से शासकीय सूचनां आधी-अधूरी नजर आती है। इसी तरह' मेडिकल कालेज तिराहे पर लगे दो. शासकीय बोडौँ के सामने एक कैफे संचालक का भारी-भरकम बोर्ड खड़ा कर दिया गया है। स्थानीय लोग तो मेडिकल कालेज तक पहुंच जाते हैं, लेकिन बाहर के जिलों से आने वाले मरीज, उनके स्वजन और एंबुलेंस चालक अक्सर रास्ता भटक जाते हैं। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि शासकीय बोडौं को तुरंत अतिक्रमण मुक्त कराया जाए, ताकि मेडिकल कालेज जैसी महत्वपूर्ण संस्था तक पहुंचने में किसी की जान जोखिम में न पड़े।

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