विकसित भारत का संकल्प

विकसित भारत का संकल्प 


Junaid khan - शहडोल। सरस्वती शिशु मंदिर पाण्डवनगर में 15 दिवसीय विद्या भारती के आचार्य प्रशिक्षण वर्ग के नवम दिवस के संवाद सत्र में मा० अखिलेश मिश्रा (संगठन मंत्री मध्यक्षेत्र) ने "विकसित भारत का संकल्प" विषय पर अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत ऋषियों व मनीषियों का देश रहा है भारतीय दर्शन में विकास को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के चिन्तन पर व्यक्त किया गया है। ब्रम्हचर्य, ग्रहस्थ, वानप्रस्थ, व संन्यास मानव जीवन के आश्रमों के साथ पंचकोशीय विकास के आधार पर भारतीय दर्शन शास्त्रियों में विकास की परिकल्पना की है जो दीर्घकालिक होती है। विश्व में विकास के कई दर्शन आये व देशों को विकसित राष्ट्र के रूप में दुनिया में प्रस्तुत किया गया लेकिन वे राष्ट्र अस्थिर हैं व वहां के नागरिक भोगवादी नीति के कारण परेशान हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय का एकात्मवाद का दर्शन जिसमें सर्वे भवन्तु सुखिनः के भाव से व्यक्ति, समाज व लोक कल्याण की कामना की गई है "भारत के विकास में भारत का दर्शन हो" यही विकसित भारत का संकल्प है। मा० जितेन्द्र सिंह परिहार मंत्री मध्यक्षेत्र ने विद्याभारती के लक्ष्य की व्याख्या करते हुए कहा कि सरस्वती शिशु मंदिर द्वारा ऐसे बालकों का निर्माण किया जाता है जिनमें राष्ट्रभक्ति हो और उनका शारीरिक, प्राणिक, मानसिक, बौद्धिक व अध्यात्मिक रूप से विकास हो। आज विश्व के बदलते परिदृश्य में सभी चुनौतियों का सामना दृढ़ता कर सके। वसुधैव कुटुम्बकम के भाव से प्रेरित होकर विश्व कल्याण के लिये समर्पित हो। प्रशिक्षण वर्ग में अमित दवे (प्रांत संगठन मंत्री), सुधीर अग्रवाल (प्रादेशिक सचिव) शिवानन्द सिनहा (प्रांत प्रमुख), रवि मिश्रा (वर्गकार्यवाह) व अन्य पूर्णकालिक कार्यकर्ता नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार महाकोशल प्रांत के 22 जिलों से आये आचार्य / दीदियों को शिक्षण कौशल में दक्ष कर रहे हैं व उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं। वर्ग व्यवस्था मण्डल रामशिरोमणि शर्मा, रवि रजक, भारती गुप्ता, संतोष लोहानी, विष्णु मिश्रा सर्व व्यवस्था प्रमुख व अनिल द्विवेदी प्राचार्य शिक्षार्थियों को मौसम अनुकूल आवास, जल व उत्तम भोजन की व्यवस्था करा रहे हैं। प्रशिक्षण वर्ग में विभिन्न विद्यालयों से आये 94 पुरूष आचार्य, 69 महिला आचार्या, विद्या भारती के 25 कुशल प्रशिक्षकों द्वारा नई शिक्षा नीति के तहत तकनीकी शिक्षा के साथ छात्रों के समग्र विकास के पाठों से शिक्षित व दीक्षित किये जा रहे हैं।

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