माकड्रिल एनडीआरएफ व रेलवे का संयुक्त अभ्यास, आपातकालीन स्थिति से निपटने दिखाया दमखम
Junaid khan - शहडोल। सुबह के 10 बज रहे थे। अचानक रेलवे के सायरन की आवाज गूंजने लगी। इस आवाज को सुनकर रेलवे व आसपास के क्षेत्र में हड़कंप मच गया। यहां जो लोग आसपास रहते हैं वह यह जानने के लिए कि क्या हुआ रेलवे स्टेशन की ओर भागने लगे। रेलवे के गुड्स यार्ड के पास से धमाकों की आवाज व धुंआ निकलते देख लोग समझ गए कि कुछ न कुछ मड़बड़ हुआ है लेकिन जब गुड्स यार्ड के पास पहुंचे तो देखा कि यहां पर रेलवे और एनडीआरएफ टीम के सदस्य माक ड्रिल कर रहे हैं तब कहीं चैन की सांस लोगों ने ली। अचानक हृटर की आवाज से चौंक गए: रेलवे स्टेशन के समीप गुरुवार की सुबह करीब 10 बजे के आसपास अचानक छूटर कर आवाज गूंजने लगी। तेज और कर्कश आवाज सुनकर आसपास मौजूद लोग सकते गए। सभी रेल परिसर में उस हिस्से की और भागे जहां हृटर की आवाज के बाद लोगों को हलचल और अफरा-तफरी दिखाई दी। लोगों ने उस वक्त राहत की सांस ली, जब उन्हें ये पता चला कि वहां कोई अनहोनी नहीं हुई अपितु रेलवे और एनडीआरएफ की टीम ने संयुक्त रूप से माकड्रिल की है पता चला माकड्रिल हैः भारत पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते रेलवे स्टेशन में एनडीआरएफ और रेलवे की टीम ने संयुक्त रूप से माकड्रिल किया। इस अभ्यास के माध्यम से लोगों को यह बताया गया कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने में रेलवे और एनडीआरएफ कितनी मुस्तैद है। इसके साथ ही यह संदेश भी दिया गया कि ऐसे प्रतिकूल समय में आमजन को क्या करना चाहिए। एनडीआरएफ के साथ अभ्यासः रेलवे के एडीआरएम चंद्र भूषण ने कहा कि रेलवे एक बहुत बड़ा संगठन है। कभी भी दुर्घटना की संभावना से इकार नहीं किया जा सकता। रेल दुर्घटना की स्थिति में प्रभावितों को त्वरित राहत मिल सके और जान माल की न्यूनतम हानि हो, इसके लिए रेलवे का स्वयं का एक राहत तंत्र है। इसके अंतर्गत दुर्घटना राहत ट्रेन, मेडिकल ट्रेन, क्रेन आदि शामिल है। दुर्घटना राहत ट्रेन, एआरटी और एआरएमई के कर्मचारियों की तैयारियों को परखने के लिए हर तीसरे महीने में माकड्रिल की जाती है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए एनडीआरएफ साथ यह अभ्यास किया गया। एसपी श्रीवास्तव भी पहुंचेः इस माकड्रिल को देखने शहडोल पुलिस अधीक्षक रामजी श्रीवास्तव और डीएसपी मुख्यालय राघवेंद्र द्विवेदी सहित प्रशासन व पुलिस के अनेक जिम्मेदार मौजूद रहे। एनडीआरएफ 11 की टीम ने रेलवे की आरपीएफ व अन्य सुरक्षा दस्ते के साथ एक घंटे तक आपातकालीन स्थिति से निपटने का अभ्यास किया। इसके लि एक पुराना काच रखा गया था जिसे एक ट्रेन का कोच बनाकर उसके अंदर धमाका किया गया था। इसके बाद रेलवे किस तरह से बचाव की स्थिति में आती है उसका एक एक स्टेप दिखाकर राहत कैसे दी जाती है इसका प्रदर्शन किया।