अमरकंटक में फिर जमी ओस की सफेद चादर,संतों ने लिया प्रकृति का आनंद

अमरकंटक में फिर जमी ओस की सफेद चादर,संतों ने लिया प्रकृति का आनंद 


Junaid khan - शहडोल। अमरकंटक मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली पवित्र नगरी अमरकंटक में शीत ऋतु का असर लगातार देखने को मिल रहा है । 06 दिसंबर 2025 को पहला पाला (बर्फ) जमा था उसके बाद एक बार फिर बुधवार 17 दिसंबर 2025 की सुबह अमरकंटक की धरती पर जमी हुई ओस की सफेद परत दिखाई दी। प्रातःकाल खुले मैदानों ,नर्मदा तट एवं घास के मैदानों में चारों ओर सफेदी छाई रही ,जिससे पूरा क्षेत्र बर्फ की चादर से ढका हुआ प्रतीत हुआ। इस मनोरम दृश्य ने स्थानीय लोगों के साथ-साथ संत-महात्माओं को भी आकर्षित किया। सुबह भ्रमण के दौरान शांति कुटी आश्रम के स्वामी श्रीमहंत रामभूषण दास महाराज , कामदगिरि सेवा आश्रम के संत जी अखिलेश्वर दास जी महाराज तथा परमहंस धारकुंडी आश्रम के लवलीन बाबा महाराज ने जमी हुई ओस की परत पर पैदल भ्रमण किया और प्रकृति के इस अद्भुत नजारे का भरपूर आनंद लिया। संतो का कहना था कि दिसंबर के अंत में और जनवरी के प्रारंभ में कड़ाके की ठंड पड़ती ही पड़ती है। अमरकंटक का तापमान नीचे माइनस एक या दो तक नीचे लुढ़क जाता है । संतो ने यह भी बताया कि आज का तापमान न्यूनतम 02 से नीचे रहा और अधिकतम तापमान दिन का 20 डिग्री रहा। नर्मदा तट एवं मैदानी क्षेत्रों में जमी ओस की सफेद परत ने अमरकंटक की सुंदरता को और अधिक बढ़ा दिया। ठंड बढ़ने के साथ ही ऐसे दृश्य पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनते जा रहे हैं।

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