ऑगनवाड़ी कार्यकर्ता गर्भवती, धात्री माताओ तथा सैम एवं मैम बच्चो के अभिभावको से घर-घर संपर्क करें- कलेक्टर

ऑगनवाड़ी कार्यकर्ता गर्भवती, धात्री माताओ तथा सैम एवं मैम बच्चो के अभिभावको से घर-घर संपर्क करें- कलेक्टर 



Junaid khan - शहडोल। 12 दिसम्बर 2025- कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने जिला पोषण समिति की बैठक के अध्यक्षता करते हुए महिला बाल विकास विभाग द्वारा संचालित ऑगनवाड़ी केंद्रो में पदस्थ ऑगनवाड़ी कार्यकर्ताओ को गर्भवती, धात्री माताओ तथा अति कुपोषित एवं कुपोषित बच्चो के अभिभावको से नियमित रूप से घर-घर जाकर संपर्क रखे तथा विभाग द्वारा दी जाने वाली सुविधाओ का लाभ देना सुनिश्चित कराएं। आपने कहा कि ऑगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा कार्यकर्ता आपस में समन्वय बनाकर कार्य करें, गर्भवती माताओ का समय पर पंजीयन उनकी नियमित जांच तथा एनीमिया से प्रभावित गर्भवती माताओ का उपचार सुनिश्चित कराएं। विभाग के सुपरवाइजर एवं परियोजना अधिकारी भ्रमण के दौरान हितग्राहियो से मुलाकात कर उनके कार्य की मॉनीटरिंग करें। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री शिवम प्रजापति, डीन मेडिकल कॉलेज डॉ. बी.रामटेक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश मिश्रा, अधीक्षक मेडिकल कॉलेज डॉ. नागेंद्र सिंह, सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय डॉ. शिल्पी सराफ सहित डीएचओ, ब्लाक मेडिकल आफिसर एवं स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला उपस्थित रहे।कलेक्टर ने कहा कि ऑगनवाड़ी कार्यकर्ता की उपस्थिति भारत सरकार के पोषण ट्रेकर और मध्यप्रदेश सरकार के संपर्क ऐप के माध्यम से की जाती है। ऑगनवाड़ी कार्यकर्ता समय पर उपस्थित होकर केंद्र का संचालन करे तथा अधिक से अधिक बच्चो की केंद्र में उपस्थिति सुनिश्चित कराएं। बच्चो को नियमित रूप से गर्म पका हुआ नाश्ता एवं भोजन का वितरण किया जाए। गर्भवती एवं धात्री माताओ विभाग द्वारा दिए जाने वाले टेक होम राशन की नियमित उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी निर्धारित तिथि में सुनिश्चित किया जाए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवती माताओ का स्वास्थ्य परीक्षण सेक्टर स्तर पर प्रत्येक माह की 9 एवं 25 तारीख को कराया जाता है जिसमें जिला स्तर से स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं अन्य चिकित्सक उपस्थित रहकर स्वास्थ्य परीक्षण करते है तथा उपचार उपलब्ध कराते है। आपने कहा कि कुपोषित एवं अति कुपोषित, मध्यम कुपोषित तथा अति कम वजन वाले बच्चो की मॉनीटरिंग करके उनके अभिभावको को पौष्टिक भोजन तथा दवाईयां के नियमित उपयोग हेतु प्रेरित कर कुपोषण में कमी लाई जा सकती है। इसके साथ ही कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चो का श्रेणीकरण करके गंभीरता के आधार पर एनआरसी में भर्ती कराना उनका प्रथम दायित्व है जो बच्चे इन श्रेणियो से निकल चुके है वे पुनः कुपोषित और अति कुपोषित श्रेणी में नही आए इसके लिए ऑगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा कार्यकर्ता अभिभावको की कौशलिंग करें, उन्हें डाइट के संबंध में प्रशिक्षित करें। कलेक्टर ने कहा कि गोहपारू तथा शहडोल शहरी क्षेत्र में अतिकुपोषित बच्चो की संख्या कम है इन परियोजनाओ में शत-प्रतिशत बच्चो को एनआरसी में भर्ती कराकर कुपोषण की श्रेणी से बाहर लाने की कार्यवाही की जाए। आपने कहा कि गर्भवती माताओ एवं 0 से 5 वर्ष तक बच्चो का टीकाकरण शत प्रतिशत सुनिश्चित किया जाए। प्रत्येक माह बच्चो का वजन लेकर उनके पोषण संबंधी आकडे़, की मॉनीटरिंग कर कुपोषण से बचाने के आवश्यक रणनीति पर कार्य किये जाए। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेश मिश्रा द्वारा पोषण ट्रेकर और संपर्क ऐप के आधार पर ऑगनवाड़ी कार्यकर्ताओ की उपस्थिति , गर्म एवं पका नाश्ता, भोजन प्रदाय , टीएचआर वितरण, एफआरएस की प्रगति कुपोषित एवं अति कुपोषित तथा मध्यम कुपोषित बच्चो को कुपोषण से बचाने के लिए किये जा रहे उपाय, पोषण पुर्नवास में भर्ती बच्चो की जानकारी तथा ऑगनवाड़ी में उपलब्ध सुविधाओ एवं ग्रोथ मॉनीटरिंग उपकरणो की उपलब्धता के संबंध में जानकारी दी।

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