अनुसूचित जाति,जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की संभाग स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक आयुक्त शहडोल संभाग की अध्यक्षता में सम्पन्न

अत्याचार पीड़ितों के प्रकरणों का निराकरण संवेनदशीलता से हो जिससे उन्हें न्याय मिल सके- आयुक्त 


Junaid khan - शहडोल। 11 जून 2025-  अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की संभाग स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए आयुक्त शहडोल संभाग श्रीमती सुरभि गुप्ता ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि अत्याचार पीड़ितों के प्रकरणों का निराकरण संवेनदशीलता से हो जिससे उन्हें न्याय मिल सके। जाति प्रमाण पत्र के अभाव में प्रकरणों में राहत राशि जारी करने में विलंब नहीं होना चाहिए। इसी तरह लोक अभियोजन अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि न्यायालयों मे लंबित प्रकरणों में निर्णय होने के संबंध में त्वरित कार्यवाही कराएं। 

बैठक में पुलिस उप महानिरीक्षक सुश्री सविता सोहाने, कलेक्टर शहडोल डॉ. केदार सिंह, कलेक्टर उमरिया श्री धरणेंद्र जैन, कलेक्टर अनूपपुर श्री हर्षल पंचोली, पुलिस अधीक्षक श्री रामजी श्रीवास्तव, श्रीमती निवेदिता नायडु, श्री मोती उर-रहमान, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत उमरिया श्री  अभय सिंह, अनूपपुर श्री तन्मय वशिष्ट, उपायुक्त जनजातीय कार्य विभाग, तीनों जिलों के सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग, लोक अभियोजन अधिकारी तथा पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में आयुक्त शहडोल संभाग द्वारा पूर्व बैठक में दिए गए निर्देशों के पालन प्रतिवेदन की जानकारी ली गई। उन्होंने अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 अंतर्गत पीड़ितों को वितरित की गई राहत राशि की समीक्षा, हत्या के प्रकरणों में मासिक जीवन निर्वाह भत्ता, रोजगार तथा स्वरोजगार हेतु की गई कार्यवाही, उनके बच्चों की शिक्षा, पुलिस थानों में दर्ज प्रकरणों की समीक्षा, बिना चालान के दो माह से अधिक अवधि से लंबित प्रकरणों की जानकारी तथा अस्पृस्यता निवारण हेतु अनूसूचित जाति के दम्पत्तियों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि की भी समीक्षा की। उपायुक्त जनजातीय कार्य विभाग द्वारा बताया गया कि अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के पूर्व वर्ष के संभाग के तीनों जिलों में सभी 158 प्रकरणों में  1 करोड़ 50 लाख रूपए की राहत राशि वितरित की गई है। कोई प्रकरण शेष नहीं हैं। 01 जनवरी 2024 से मई 2025 तक 258 प्रकरणों में 263 लाख रूपए की राहत राशि का भुगतान किया गया है। इसी अवधि में संभाग के तीनों जिलों मे हत्या से संबंधित 10 प्रकरणों में 73 लाख 87 हजार की राहत राशि स्वीकृत की गई।  हत्या  के प्रकरणों में मृतक के  पुत्र-पुत्रियों को छात्रावास में प्रवेश पात्रतानुसार दिलाया गया। राहत के प्रकरणों में संभाग के तीनों जिलों मेे 1428 प्रकरण प्रस्तुत किए गए हैं, जिनमें 30 प्रकरणों में सजा हुई है। 280 प्रकरणों में बरी हुए हैं।  अपील योग्य 29 प्रकरण पाए गए। अस्पृस्यता निवारण अंतर्जातीय प्रोत्साहन योजना के तहत संभाग में 10 दम्पत्तियों को 20 लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी गई।

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