जघन्य अपराधों की मॉनिटरिंग तेज़: वैज्ञानिक साक्ष्य और फॉरेंसिक जांच पर जोर
Junaid khan - शहडोल। जिला पुलिस की कानून-व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण की स्थिति की समीक्षा हेतु आज शहडोल पुलिस अधीक्षक शहडोल द्वारा अपराध समीक्षा बैठक ली गई। इस अवसर पर जिले के सभी एसडीओपी, थाना प्रभारी एवं चौकी प्रभारी उपस्थित रहे। बैठक में जिलेभर में दर्ज लंबित अपराधों, चालान प्रस्तुतिकरण, जघन्य अपराधों की जांच की प्रगति, आरोपियों की गिरफ्तारी की स्थिति तथा अपराधों के त्वरित एवं निष्पक्ष निराकरण की समीक्षा की गई। पुलिस अधीक्षक ने अपराध नियंत्रण को लेकर अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि जनता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता हैए और इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में पुलिस अधीक्षक द्वारा निम्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विशेष जोर दिया गया
लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरणः सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया कि वे अपने-अपने थानों में दर्ज लंबित अपराधों की विवेचना निर्धारित समयसीमा में पूर्ण करें। लंबित जांचों को शीघ्र पूर्ण कर न्यायालय में प्रस्तुत किया जाए ताकि न्याय प्रक्रिया में विलंब न हो। गंभीर अपराधों की मॉनिटरिंगः हत्या, बलात्कार, लूट, डकैती तथा महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित अपराधों की सतत मॉनिटरिंग की जाए। ऐसे प्रकरणों में वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन और फॉरेंसिक जांच पर विशेष ध्यान दिया जाए। चालान कार्यवाहीः - सभी अन्वेषण अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि जिन मामलों में चालान लंबित हैंए उन्हें शीघ्र न्यायालय में प्रस्तुत किया जाए। जनसंपर्क एवं पुलिस-जन सहयोगः प्रत्येक थाना प्रभारी को अपने क्षेत्र में जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों, महिलाओं, युवाओं एवं व्यापारी वर्ग के साथ नियमित बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए गए। जनता में सुरक्षा एवं विश्वास की भावना सुदृढ़ करने हेतु रात्रि गश्तए पेट्रोलिंग एवं सामुदायिक संवाद को निरंतर बनाए रखने पर बल दिया गया। इस अवसर पर जिलेभर में चल रहे ऑपरेशन मुस्कान की प्रगति की भी समीक्षा की गई। बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री रामजी श्रीवास्तव ने इस कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक थाना क्षेत्र में अधिक से अधिक किशोरी जन संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, जिनमें बालिकाओं एवं किशोरियों को सुरक्षा, आत्मरक्षा, साइबर जागरूकता एवं कानून संबंधी अधिकारों की जानकारी दी जाए। पुलिस अधीक्षक शहडोल की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियमए 1989 के प्रभावी क्रियान्वयन के उद्देश्य से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। उक्तर कार्यशाला में जिले के समस्त राजपत्रित अधिकारी, थाना प्रभारी, अनुविभागीय अधिकारी, थाना एवं चौकी प्रभारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों को एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों, धाराओं, संवेदनशीलता, त्वरित कार्रवाई, साक्ष्य संकलन एवं पीड़ितों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। पुलिस अधीक्षक द्वारा निर्देशित किया गया कि अधिकारियों को नवीनतम संशोधनों एवं माननीय न्यायालयों द्वारा पारित महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी भी दी गईए जिससे प्रकरणों की गुणवत्ता एवं पुलिस कार्रवाई की प्रभावशीलता को और बेहतर बनाया जा सके। अंत में पुलिस अधीक्षक शहडोल ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि समाज के कमजोर वर्गों की सुरक्षा व अधिकारों की रक्षा पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है तथा इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जाते रहेंगे।
