अवैध गतिविधि पर कार्रवाई हुई तो पुलिस पर दबाव क्यों?

चचाई लॉज प्रकरण में सवालों के घेरे में लॉज संचालक और राजनीतिक संरक्षण 


Junaid khan - शहडोल। सँभाग के जिले अनूपपुर के थाना चचाई क्षेत्र में वर्षों से कथित रूप से संचालित अवैध लॉज गतिविधियों पर जब पुलिस ने वैधानिक कार्रवाई की, तो अब उसी कार्रवाई पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। सवाल यह है कि जो लोग पहले अवैध रूप से कपल को ठहराने का काम करते रहे, पूरी व्यवस्था उपलब्ध कराते रहे, अब वही लोग पुलिस पर उंगली क्यों उठा रहे हैं? अवैध ठहराव, फिर व्यवस्था, फिर दबाव स्थानीय सूत्रों और पुलिस जांच में यह स्पष्ट हुआ कि सोनी लॉज में बिना सूचना और बिना वैधानिक प्रक्रिया के बाहरी व्यक्तियों को ठहराया जा रहा था। छापेमारी के दौरान मौके से दो कपल भी पाए गए, जो पुलिस के आरोपों की पुष्टि करता है। इसके बावजूद, कार्रवाई के बाद अब यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि पुलिस ने अन्याय किया, जबकि पुलिस ने केवल अपने कर्तव्य का निर्वहन किया है। मीडिया और समाजसेवियों ने पहले ही किया था आगाह यह भी उल्लेखनीय है कि क्षेत्र के पत्रकारों समाजसेवियों स्थानीय जागरूक नागरिकों द्वारा लगातार थाना प्रभारी को अवगत कराया जा रहा था कि चचाई में इस प्रकार का अवैध लॉज कारोबार वर्षों से संचालित हो रहा है। यहाँ तक कि मीडिया प्रतिनिधि स्वयं मौके पर जाकर स्थिति की जानकारी पुलिस को दे चुके थे। कार्रवाई के बाद ‘नेतागिरी’ का सहारा पुलिस की छापेमारी और वैधानिक कार्रवाई से बौखलाए लॉज संचालक ने अब राजनीतिक दबाव और प्रभाव का सहारा लेना शुरू कर दिया है। कभी मानवाधिकार की दुहाई, तो कभी प्रशासन पर आरोप यह सब कार्रवाई से बचने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब गलत काम चलता है तब कोई शिकायत नहीं, और जब पुलिस कानून के तहत कार्रवाई करती है तो वही लोग खुद को पीड़ित बताने लगते हैं। समाजसेवियों की एक मांग ज़ीरो टॉलरेंस समाजसेवियों और नागरिक संगठनों ने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन से स्पष्ट और कठोर मांग की है कि इस प्रकार की अवैध गतिविधियों में संलिप्त लोगों पर केवल गिरफ्तारी नहीं, बल्कि संपत्ति सील करने और अवैध ढांचे पर बुलडोज़र जैसी कठोर कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति कानून को चुनौती देने का साहस न कर सके। पुलिस की निष्ठा पर भरोसा चचाई थाना पुलिस की इस कार्रवाई से यह संदेश साफ़ गया है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। और चाहे कितने भी दबाव क्यों न बनाए जाएं, पुलिस अपने कर्तव्य से पीछे हटने वाली नहीं है।

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