पंडित शम्भूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय में पंडित शम्भू नाथ शुक्ला जी की जन्म जयंती श्रद्धा एवं गरिमा के साथ मनाई गई

पंडित शम्भूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय में पंडित शम्भू नाथ शुक्ला जी की जन्म जयंती श्रद्धा एवं गरिमा के साथ मनाई गई


Junaid khan - शहडोल। 19 दिसम्बर 2025- पंडित शम्भूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय, शहडोल में विन्ध प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री एवं महान शिक्षाविद् एवं समाजसेवी,स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी पंडित शम्भू नाथ शुक्ला जी की जन्म जयंती समारोह श्रद्धा, सम्मान और सांस्कृतिक गरिमा के साथ मनाया गया। 

कार्यक्रम का शुभारंभ कुलगुरु प्रो. रामशंकर एवं कुलसचिव प्रो. आशीष तिवारी द्वारा पंडित शम्भू नाथ शुक्ला जी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। इस अवसर पर उपस्थित प्राध्यापकों, अधिकारियों एवं विद्यार्थियों ने भी उन्हें नमन किया। इस अवसर पर कुलगुरु प्रो. रामशंकर ने कहा कि “पंडित शम्भू नाथ शुक्ला जी केवल एक व्यक्तित्व नहीं, बल्कि एक विचारधारक थे। उनका संपूर्ण जीवन शिक्षा, नैतिक मूल्यों और सामाजिक उत्तरदायित्व को समर्पित रहा। विश्वविद्यालय का दायित्व है कि वह उनके आदर्शों को अपने शैक्षणिक, शोध एवं सामाजिक कार्यों में साकार करे। युवाओं को चाहिए कि वे पंडित जी के जीवन से प्रेरणा लेकर ज्ञान के साथ-साथ संस्कारों को भी अपनाएँ। परिसर प्रभारी प्रो. गीता सराफ ने अपने उद्बोधन में कहा कि पंडित शम्भू नाथ शुक्ला जी का जीवन शिक्षा, सेवा और सांस्कृतिक चेतना का प्रेरक उदाहरण है तथा विश्वविद्यालय को उनके विचारों के अनुरूप आगे बढ़ना चाहिए। कार्यक्रम में प्रो. चेतना सिंह ने पंडित जी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उन्हें विंध्य क्षेत्र की वैचारिक धरोहर बताया और कहा कि उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए पथप्रदर्शक है। इस अवसर पर संकायाध्यक्ष प्रो. सुनीता बाथरे, अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मनीषा तिवारी, समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. नीलिमा खरे सहित अनेक वरिष्ठ प्राध्यापक उपस्थित रहे। साथ ही विंध्यप्रदेश को गौरवान्वित करने वाले महान विभूति पंडित शम्भू नाथ शुक्ला जी के परिजनकृसंजय शुक्ला, राजेश शुक्ला, प्रवेश शुक्ला, गीता शुक्ला, मनीषा शुक्ला, संध्या शुक्ला, इशिता शुक्ला एवं डॉ. शिवानी शुक्लाकृकी गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष बना दिया।

सांस्कृतिक सत्र में विश्वविद्यालय के संगीत विभाग के शिवांश दुबे एवं डॉ. संजीव द्विवेदी के निर्देशन में छात्र-छात्राओं द्वारा मधुर भजनों की भावपूर्ण प्रस्तुति दी गई।कार्यक्रम का समापन पंडित शम्भू नाथ शुक्ला जी के आदर्शों को आत्मसात करने और उनके बताए मार्ग पर चलने के संकल्प के साथ हुआ।

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