फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों का उपयोग कर एनीमिया से किया जा सकता है बचाव

सम्पूर्ण पोषण एवं स्वस्थ्य जीवन में संतुलित आहार का है विशेष महत्व- कलेक्टर 


Junaid khan - शहडोल। 16 दिसम्बर 2025- कलेक्टर डॉ. केदार सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न कार्यशाला में एनीमिया की रोकथाम से बचाव हेतु फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों के उपयोग के संबंध में जानकारी दी गई। कलेक्टर ने बताया कि आयोडीन एवं आयरन तत्वों की कमी से रक्त अल्पता हो जाती है।  फोर्टिफाइड चावल एवं डबल फोर्टिफाइड नमक जो उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से वितरित किया जाता है। का उपयोग करके एनीमिया से मुक्ति पाई जा सकती है। फोर्टिफाइड चावल एवं नमक गर्भवती माताओं एवं बच्चों के लिए अत्यंत उपयोगी है। इस संबंध में जो भी भ्रांतियां हैं उन्हें दूर कर इनका उपयोग अवश्य करें। 

कार्यशाला में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री शिवम प्रजापति, अपर कलेक्टर श्री सरोधन सिंह, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जयसिंहनगर काजोल सिंह, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सोहागपुर श्रीमती अमृता गर्ग, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती अन्तोनिआ एक्का, जिला आपूर्ति अधिकारी श्री विपिन पटेल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी  उपस्थित रहे। खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम होने से शरीर के विभिन्न अंगों में आक्सीजन की पूर्ति ठीक से नहीं हो पाती है। जिससे शरीर में शारीरिक एवं मानसिक व्याधियां उत्पन्न होने लगती हैं। जिसे  रक्त अल्पता या एनीमिया कहा जाता है। आयरन की कमी होने से शरीर में आयरन, फोलिक एसिड एवं विटामिन बी12 की कमी हो जाती है। जो शारीरिक मानसिक विकास कार्यक्षमता तथा आने वाली पीढ़ियों के जीवन को प्रभावित करती है। एनीमिया के संकेत एवं लक्षण एनीमिया की पहचान पलक के नीचे सफेदपन, ह्रदय की गति का तेज होना, होटों के कोने फटना, हाथों की लालिमा में कमी, जीभ का सफेदपन, पैरों में सूजन जिसे दबाने में गड्ढा पड़ जाता है, नाखूनों का टूटना और पीलापन आदि शामिल हैं। एनीमिया से कमजोरी आना, सांस फूलना एकाग्रता में कमी, हाथ एवं पैरों का शून्य पड़ना, चक्कर एवं बेहोसी आना, सर में भारीपन एवं दर्द रहना  आदि लक्षण शामिल हैं। 

एनीमिया से बचने के लिए आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थाें का उपयोग किया जाना चाहिये। अनाज में बाजरा, पोहा, मुरमुरा, राजगीर, ज्वार, रागी, सब्जियों में हरी पत्तेदार सब्जियां, पालक, मेथी, सरसों को साग, हरी प्याज, मुनगा, सहजन की फली एवं पत्तियां, पुदीना, अरबी के पत्ते, लाल भाजी, खाद्य पदार्थों में गुण, किशमिश, खशखश, खजूर, फलों में अनार, तरबूज और सेव, दालो में  विभिन्न प्रकार की दालें, देशी चना, कावली चना, राजमा, मसूर, चना की दाल, तिल मूंगफली, सोयाबीन उड़द और अंकुरित दालों का उपयोग लाभकारी होता है। इसके साथ ही  विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ धनिया, पत्ता गोभी, मीठी नीम, अमरूद, मिर्च नीबू, संतरा एवं आवलें का उपयोग लाभकारी होता है। न्यूट्रेशन विशेषज्ञ पवन मूदड़ा   ने बताया कि फूड फोटीफिकेशन चावल या अन्य खाद्य पदार्थों में विटामिन और खनिज मिलाने की प्रक्रिया है। जिससे खाद्य पदार्थाें की पोषण गुणवत्ता मे वृद्धि होती है। शासन द्वारा उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से  उपलब्ध  कराए जाने वाले चावल को फोर्टिफाइड कर वितरित किया जाता है। जिसमें एक किलोग्राम में 990 ग्राम  चावल, एवं 10 ग्राम फोर्टिफाइड चावल शामिल रहता है। इसी तरह उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से डबल फोर्टिफाइड नमक का भी वितरण किया जाता है।  फोर्टिफाइड चावल के संबंध में भ्रान्तियां हैं कि यह केवल कुपोषित लोगों के लिए है। जबकि यह चावल सभी के लिए फायदेमंद होता है। यह भी माना जाता है कि फोर्टिफाइड चावल प्लास्टिक चावल है इस संबंध में वास्तिविक तथ्य यह है कि फोर्टिफाइड राइस कार्नेल्स में 98 प्रतिशत चावल का आटा  और 2 प्रतिशत विटामिन व मिनरल होता है। इन्हें सामान्य चावल में केवल 1 प्रतिशत मात्रा में मिलाया जाता है। फोर्टिफाइड चावल के संबंध में भ्रान्तियां हैं कि डबल फोर्टिफाइड  साल्ट में काले दाने होने का मतलब यह खराब है। इसका संबंध में वास्तवित तथ्य यह है कि काले या भूरे दाने आयरन के कण होते है हो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं यह कोई गंदगी या खराबी नहीं है।  इनसे सामान्य तौर पर कोई खुजली, एलर्जी या साइड इफेक्ट नहीं होता है।  नमक में लौह तत्व होते हैं जिससे व्यंजन जैसे सब्जियां, दाल, आदि काले हो जाते हैं जो आयरन की उपस्थिति  का प्रमाण देता है।  खाना बनाने के अंत में नमक डालने से खाने का रंग नहीं बदलता है।  स्वाद में कोई बदलाव नहीं होता है एवं खाना बनाने के बाद भी पेाषक तत्व स्थित रहते हैं।

Previous Post Next Post