शहडोल जिले में विभागीय नीतियों, नियम एवं रैम्प योजना से अवगत कराने हेतु

शहडोल जिले में विभागीय नीतियों, नियम एवं रैम्प योजना से अवगत कराने हेतु 






Junaid khan - शहडोल। 17 मई 2025- जिले में विभागीय नीतियों, नियम एवं रैम्प योजना से अवगत कराने हेतु गुरुवार को कलेक्टर डॉ केदार सिंह की उपस्थिति में होटल विजय श्री, न्यू बस स्टैण्ड, शहडोल में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कलेक्टर डॉ केदार सिंह ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि नवीन उद्योगों की स्थापना के लिए युवा वर्ग आगे आए। रोजगार की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता, अधोसंरचना, विकास भूमि की उपलब्धता तथा उत्पाद के विपणन की जवाबदारी सरकार उठा रही है। प्रदेश सरकार शासन की विभिन्न योजनाओं से उद्योग स्थापित करने के लिए अवसर उपलब्ध करा रही है। उद्योग स्थापित करके युवा अपनी आर्थिक प्रगति तो कर ही सकता है, साथ ही उद्योग के माध्यम से अन्य लोगों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध करा सकता है। मध्यप्रदेश स्टार्टअप नीति के तहत प्राप्त निवेस पर 15 प्रतिशत की सहायता तथा महिला अजा. एवं अजजा को 18 प्रतिशत की सहायता। लीज रेन्टल सहायता अधिकतम 5 हजार रूपये प्रतिमा, पेटेंट सहायता पेटेंट हेतु रु. 5 लाख तक, आयोजन में सहभागिता हेतु सहायता 75 प्रतिशत का प्रावधान है। उत्पाद आधारित स्टार्टअप हेतु विशेष सहायता के रूप में प्रशिक्षण व्यय प्रतिपूर्ति-प्रति नवीन कर्मचारी रूपए 13000 तीन वर्षों के लिये, रोजगार सृजन अनुदान नवीन कर्मचारियों को रूपए 5000 प्रति कर्मचारी प्रति माह सहायता, विद्युत शुल्क पर छूट - 3 वर्ष के लिये, विद्युत टैरिफ में रियायत 3 वर्षों हेतु 5 रूपये प्रति यूनिट है। इक्यूबेटर हेतु सहायता के तहत स्टार्टअप को वित्तीय सहायता मिलने पर रू. 5 लाख कार्यक्रम के लिए रू. 5 लाख प्रति आयोजन क्षमता विस्तार हेतु रु. 5 लाख की एक मुश्त सहायता (सीट क्षमता में 20प्रतिशत की अतिरिक्त वृद्धि)।  यंत्र-संयंत्र में 10 करोड़ रूपये तक के निवेश पर उद्योग विकास अनुदान 40प्रतिशत, अजा, अजजा, महिला 48प्रतिशत, निर्यातक इकाई को अधिकतम अतिरिक्त अनुदान 12प्रतिशत, गुणवत्ता प्रमाणीकरण हेतु रु. 5 लाख तक (यंत्र-संयंत्र में रू. 25 लाख तक का निवेश)। ऊर्जा लेखा परीक्षा हेतु रू. 5 लाख तक की सहायता,पेटेण्ट- आईपीआर पंजीयन हेतु रु. 5 लाख तक की सहायता, ईटीपी स्थापना हेतु सहायता अधिकतम रू. 25 लाख, औद्योगिक परिसर तक अधोसंरचना विकास हेतु अधिकतम रू. 25 लाख, यंत्र-संयंत्र में रु. 10 करोड़ से अधिक एवं रु.50 करोड़ तक का निवेश की सुविधा है। यंत्र-संयंत्र में निवेश का 40प्रतिशत तक एमएसएमई को उद्योग विकास अनुदान, निवेश प्रोत्साहन योजना। पेटेण्ट-आईपीआर पंजीयन हेतु रु. 5 लाख तक की सहायता, ईटीपी स्थापना हेतु सहायता अधिकतम रू. 1 करोड़, औद्योगिक परिसर तक अधोसंरचना विकास हेतु अधिकतम रू. 3 करोड़ का प्रावधान है। कार्यशाला में एमपी एमएसएमई प्रोत्साहन योजना 2025, एमपी एमएसएमई लैण्ड रूल 2025, एमपी स्टार्ट अप पालिसी 2025, एलईएएन,  आईपीआर एवं जेड ई डी स्कीम आदि के सम्बंध में श्री आर० एस० डाबर, संयुक्त संचालक उद्योग, परिक्षेत्रीय उद्योग कार्यालय, रीवा, म०प्र० लघु उद्योग निगम, इंदौर के प्रतिनिधि के द्वारा सेशनवार अवगत कराया गया। कार्यशाला में अग्रणी जिला प्रबंधक श्री अमित चौरसिया, प्राचार्य आई. टी.आई. एवं पालिटेक्निक कॉलेज, शहडोल के प्रतिनिधि, एनआरएलएम विभाग, उद्यानिकी विभाग, अन्य पिछडा वर्ग विभाग, आदवासी वित्त विकास निगम एवं लघु उद्योग भारतीय संघ शहडोल के अध्यक्ष, श्री देवन्द्र गुप्ता एवं जिलें के उद्योगपति, उद्योग संघ, व्यापारी संघ एवं व्यवसायी उपस्थित रहें।

Previous Post Next Post