अनदेखी के चलते किसी दिन हो सकती है बड़ी घटना,प्रबंधन ने कहा- भवन गिरवाने की मांगी है अनुमति
Junaid khan - शहडोलः पं. शंभूनाथ शुक्ल डिग्री कालेज की शुरूआत 1956 के आसपास हुई थी और इसके लगभग 14 साल बाद 1970 में कालेज के नजदीक ही एक छात्रावास तैयार कराया गया था जिसमें उस समय यह छात्रावास विद्यार्थियों के लिए एक शानदार अध्ययन केंद्र था। आज यह डिग्री हास्टल पूरी तरह से जर्जर हो चुका है और इसे अब गिरवाकर नया भवन बनाए जाने की जरूरत है। जर्जर भवन के खिडकी दरवाजे पूरी तरह से टूट चुके हैं और इस भवन में अब असामाजिक तत्वों का शाम के समय से डेरा रहता है। यहां पर शराबी अपना अड्डा जमाने लगे हैं और आसपास के लोग इस बात से सशंकित रहते हैं कि कभी यहां पर कोई अप्रिय घटना न हो जाए। डिग्री हास्टल में कोरोना से पहले तक विद्यार्थी रहकर अध्ययन करते थे और यहां चहल पहल रहा करती थी लेकिन 2019 में जब कोरोना आया तब यह खाली करा लिया गया था और तब से अब तक इस हास्टल को अब तक किसी विद्यार्थी को रहने के लिए नहीं दिया गया। अब तक सारे कमरे खाली हैं और अब तो यह हालत है कि जर्जर हालत में यह भवन पहुंच चुका है, जिसे गिरवाकर नया निर्माण ही कराना होगा। यह भवन किसी भी सूरत में मरम्मत योग्य नहीं रह गया है। पं.शंभूनाथ शुक्ला महाविद्यालय अब विश्वविद्यालय बन चुका है। अब इस हास्टल की बहुत ज्यादा आवश्यकता है इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर यह अनुमति मांगी गई है कि इस भवन को गिरवा दिया जाए। इसके बाद नया प्रस्ताव तैयार कर इस स्थान पर फिर से एक नया छात्रावास तैयार कराया जा सके। अब तक फिलहाल पत्र का जवाब नहीं आया है, लेकिन बताया जा रहा है कि तब तक इस भवन को अस्थाई रूप से बंद कर दिया जाएगा ताकि कोई भी अंदर न जा सके। डिग्री हास्टल में तकरीबन 40 कमरे हैं जो पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं। सन 2019 तक यहां पर बहुत कम शुल्क देकर विद्यार्थी रहकर पढाई करते थे। खेलकूद मनोरंजन आदि की सुविधा थी। परंतु आज यह भूत बंगला जैसा दिखाई देता है। भवन के आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि इस भवन को जल्द से जल्द गिरवाकर नया भवन बनवाया जाए ताकि भविष्य में किसी तरह की अनहोनी का डर न रहे।
इनका कहना है
विश्वविद्यालय की ओर से उच्च शिक्ष विभाग को पत्र लिखा गया है। अब जैसे ही अनुमति मिलती है उसके तुंरत बाद इस भवन को गिरवा दिया जाएगा। यहां पर फिर से नया हास्टल बनवाए जाने के लिए भी प्रस्ताव भेजा गया है।
डा. आशीष तिवारी, कुलसचिव जिला शहडोल
