पंडित शंभूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय में हुआ फिनिशिंग स्कूल का आयोजन

पंडित शंभूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय में हुआ फिनिशिंग स्कूल का आयोजन 


Junaid khan - शहडोल। 04 जून 2025:- अंग्रेजी विभाग की “फिनिशिंग स्कूल” पहल के अन्तर्गत मॉक इंटरव्यू सत्र में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों से आए 55 प्रतिभागियों ने भाग लेकर अपने साक्षात्कार कौशल को और परिष्कृत किया। मॉक इंटरव्यू विद्यार्थियों को शैक्षणिक सैद्धांतिक ज्ञान और वास्तविक पेशेवर आवश्यकताओं के बीच की दूरी को समाप्त करने का अवसर प्रदान करता है। कार्यक्रम में पैनल सदस्य कुलगुरु प्रो. रामशंकर, कुलसचिव प्रो. आशीष तिवारी, परिसर प्रभारी प्रो. गीता सराफ, प्रो. मनीषा तिवारी स्वयं, डॉ. सौरभ शिवा, डॉ. सिद्धार्थ मिश्रा एवं अंग्रेजी विभाग की शोधछात्रा कु. रानू सोनी सम्मिलित रहे। सभी पैनल सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्रों में विशेष मार्गदर्शन प्रदान किया। 

कुलगुरु प्रो. रामशंकर एवं कुलसचिव प्रो. आशीष तिवारी ने प्रतिभागियों की अकादमिक तैयारी और अभिव्यक्ति की स्पष्टता पर ध्यान केंद्रित करते हुए महत्वपूर्ण सुझाव दिए, वहीं प्रो. गीता सराफ और प्रो. मनीषा तिवारी ने विषयगत दृष्टिकोण तथा प्रस्तुतिकरण की शैली पर गहन चर्चा की। डॉ. सौरभ शिवा एवं डॉ. सिद्धार्थ मिश्रा ने प्रतिभागियों को व्यावहारिक, स्थिति-विशिष्ट प्रश्नों के माध्यम से समस्या-समाधान क्षमता का आकलन किया, और कु. रानू सोनी ने युवा शोधकर्ता के नाते संचार शैली तथा आत्म-विश्वास को निखारने वाले सुझाव साझा किए। प्रतिभागियों को अलग अलग विभाजित कर परीक्षात्मक अवस्थाएँ प्रस्तुत की गईं—पहला राउंड शैक्षणिक नौकरी के साक्षात्कार का सिमुलेशन था, जबकि दूसरे राउंड में कुलगुरु जी ने साक्षात्कार के बीज मंत्र  दिए। प्रत्येक राउंड के पश्चात पैनल ने व्यक्तिगत तथा सामूहिक दोनों स्तरों पर सकारात्मक एवं रचनात्मक प्रतिक्रिया दी, जिससे छात्रों ने अपनी मजबूत और सुधार योग्य पक्षों को स्पष्ट रूप से जाना। कई विद्यार्थियों ने इस अभ्यास को अत्यंत लाभकारी बताते हुए कहा कि वरिष्ठ संकाय एवं प्रशासनिक सदस्यों के समक्ष बैठे प्रश्नों का सामना करने के बाद उनमें आत्म-विश्वास और तैयारी दोनों में स्पष्ट वृद्धि हुई।

अपने उद्बोधन में कुलगुरु प्रो. रामशंकर ने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल शैक्षणिक विस्तार तक सीमित नहीं है, बल्कि छात्रों को व्यावहारिक दुनिया की चुनौतियों के लिए भी तैयार करना है। आज के इस अनुभव  में यह रेखांकित किया गया कि विद्यार्थी पहले स्वयं का आत्ममूल्यांकन करें, अपनी क्षमताओं एवं योग्यताओं को पहचानें और फिर अपने विचारों को स्पष्ट एवं आत्मविश्वासपूर्वक प्रस्तुत करें। इन बिंदुओं पर ध्यान देने से ही एक सफल साक्षात्कार का मार्ग प्रशस्त होता है। प्रतिपुष्टि सत्र में सभी प्रतिभागी पुनः संगोष्ठी कक्ष में एकत्रित हुए। यहाँ प्रो. मनीषा तिवारी ने छात्रों से उनके अनुभव साझा करने को कहा, जिनमें से एक एम.ए. अंतिम वर्ष की छात्रा ने उल्लेख किया, “इस मॉक इंटरव्यू ने न केवल मेरी तैयारी को सुदृढ़ किया, बल्कि आत्म-विश्वास भी बढ़ाया। वरिष्ठ सदस्य जिन प्रश्नों से गुज़रने के लिए प्रेरित करते हैं, उससे भावी इंटरव्यू की चिंता स्वयं समाप्त हो गई।” ‘फिनिशिंग स्कूल’ पहल के इस मॉक इंटरव्यू सत्र ने विद्यार्थियों को वास्तविक परिदृश्य में स्वयं को कसने और आत्म-विश्लेषण करने का अवसर दिया। अंग्रेजी विभाग ने इस सफलता को देखते हुए आगामी सत्रों पाथ फाइंडर, व्यक्तित्व विकास, करियर क्लिक्स, एवं टॉक स्मार्ट का आयोजन कर अन्य विभागों के छात्रों तक इस अनुभव को पहुँचाने की रूपरेखा तैयार कर ली है, जिससे विश्वविद्यालय में समग्र रूप से छात्रों के आत्मविश्वास और पेशेवर कौशल को निखारने में मदद मिल सके।

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