पंडित शंभूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय में पांच दिवसीय एकीकृत फिशरीज जागरूकता एवं कौशल विकास कार्यक्रम सम्पन्न
Junaid khan - शहडोल। शनिवार, 22 नवम्बर 2025, को विश्व मत्स्य दिवस के अवसर पर पंडित शंभूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय, शहडोल के मत्स्य विभाग द्वारा कुलगुरु प्रो. रामशंकर के मार्गदर्शन एवं कुलसचिव आशीष तिवारी के नेतृत्व में पांच दिवसीय एकीकृत फिशरीज जागरूकता एवं कौशल विकास कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। यह महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, हैदराबाद द्वारा प्रायोजित तथा एलआईसी, पहला अनाया अकैडमी, जन परिषद और जय ऑटोमोबाइल द्वारा सह-प्रायोजित रहा। आयोजन विश्वविद्यालय परिसर के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, पुराना परिषद भवन में किया गया, जिसमें विद्यार्थियों और आमजन की उत्साही भागीदारी देखने को मिली। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. भरत शरण सिंह, पूर्व अध्यक्ष, केंद्रीय विश्वविद्यालय विनियामक आयोग मध्य प्रदेश उपस्थित रहे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. विनय कुमार सिंह, सेवानिवृत्त प्राध्यापक एवं पूर्व कुलसचिव, पं. शंभूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय ने की। कुलगुरु प्रो. रामशंकर ने कहा कि फिशरीज क्षेत्र आज ग्रामीण आर्थिक विकास, उद्यमिता और स्वावलंबन के लिए नए आयाम प्रस्तुत कर रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों को कौशल आधारित शिक्षा, स्थानीय संसाधनों के नवोन्मेषी उपयोग और आधुनिक तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में भारतीय जीवन बीमा निगम के वरिष्ठ मंडल प्रबंधक श्री मुकेश रंजन प्रसाद ने विद्यार्थियों को उद्यमिता, आर्थिक प्रबंधन और आत्मनिर्भरता की दिशा में उपयोगी मार्गदर्शन प्रदान किया। प्रो. भरत शरण सिंह ने अपने उद्बोधन में बताया कि मत्स्य पालन केवल आधुनिक आर्थिक आवश्यकता ही नहीं, बल्कि भारतीय परंपरा का प्राचीन अंग भी है। उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा, जीव विज्ञान तथा लोकल-टू-ग्लोबल मॉडल के माध्यम से रोजगार व नवाचार के अवसरों पर विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो. विनय कुमार सिंह ने मत्स्य पाठ्यक्रम की स्थापना से लेकर इसकी उपयोगिता और विद्यार्थियों की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में देश और राज्य के कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विशेषज्ञ, किसान और उद्यमी शामिल हुए जिन्होंने अपनी सफलता की कहानियाँ विद्यार्थियों के साथ साझा कीं। छतरपुर से आए ऑर्नामेंटल फिश फार्मिंग एक्सपर्ट सक्षम रैकवार ने बिना किसी आर्टिफिशियल पदार्थ के प्राकृतिक विधि से मछली पालन और प्रजनन की आधुनिक तकनीकों को सरल ढंग से प्रस्तुत किया। इसी क्रम में आदित्य कुमार, बृजेश ठाकुर, सोमनाथ प्रदीप पाल और पवन कुमार साहू सहित कई विशेषज्ञों ने फिश फूड, बायोफ्लॉक्स, वॉटर लिली हाइब्रिडाइजेशन और मत्स्य उद्यमिता के नए अवसरों पर महत्वपूर्ण जानकारी दी, जिनका कार्यक्रम में सम्मान भी किया गया। मत्स्य विभाग के विद्यार्थियों द्वारा समस्या-आधारित शिक्षण मॉडल के अंतर्गत विकसित स्टार्टअप “एकुआ फ्रेंड” ने विशेष सराहना प्राप्त की। इस स्टार्टअप से जुड़े शिवम भट्ट, कैवल्य प्रजापति और पीयूष मिश्रा ने प्राकृतिक विधियों से एक्वेरियम निर्माण, रखरखाव और व्यवसायिक विस्तार की प्रक्रिया का परिचय कराया। विभागाध्यक्ष प्रो. अमित कुमार निगम ने मत्स्य विभाग में संचालित परियोजनाओं और नवाचारों की जानकारी दी। कार्यक्रम की मुख्य संयोजक डॉ. वंदना राम ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों को फिश एंड फिशरीज के माध्यम से उद्यमिता की ओर प्रेरित करना है ताकि वे अपने लिए तो रोजगार उत्पन्न करें ही, साथ ही स्थानीय समुदाय में नए अवसर भी विकसित कर सकें। कार्यक्रम का संचालन डॉ. ममता प्रजापति ने किया। पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजा मिश्रा, राजपाल पाटले, किरण मिश्रा, अंजलि पटेल, दीपक विश्नोई सहित बड़ी संख्या में प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। फिशरीज विभाग से डॉ. शिवानी शर्मा, पूजा घर, अंकित शुक्ला और विभागीय स्टाफ की सक्रिय उपस्थिति रही, जिसके योगदान से कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
