कांग्रेस ने सिर्फ आजादी की लड़ाई ही नहीं लड़ी,बल्कि आजादी के बाद देश के नवनिर्माण में ऐतिहासिक भूमिका निभाई-अजय अवस्थी
Junaid khan - शहडोल। जिला काँग्रेस कमेटी शहडोल के जिलाध्यक्ष अजय अवस्थी के नेतृत्व मे जिला काँग्रेस द्वारा भारती राष्ट्रीय काँग्रेस" का 141वां स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सर्वप्रथम जिलाध्यक्ष अजय अवस्थी द्वारा ध्वजारोहण कर महात्मा गाँधी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर धूप दीप प्रज्वलित किया गया, तत्पश्चात जिलाध्यक्ष अजय अवस्थी, कुलदीप निगम, नीरज द्विवेदी,आजाद बहादुर सिंह व अन्य ने काँग्रेस के वैभवशाली इतिहास,आजादी मे योगदान व देश के नवनिर्माण पर अपने अपने विचार व्यक्त किए। जिलाध्यक्ष व अन्य ने अपने उद्बोधन मे कहा कि,कांग्रेस देश की सबसे महत्वपूर्ण पार्टी है, जिसके नेतृत्व में स्वाधीनता संग्राम की लड़ाई लड़कर ब्रितानी हुकूमत से देश को आज़ादी मिली। यूं तो कांग्रेस के इतिहास में एक से एक बढ़कर महत्वपूर्ण तिथियां हैं, पर 28 दिसंबर का विशेष महत्व है। 1885 में इसी 28 दिसंबर को थियोसोफिकल सोसाइटी के प्रमुख सदस्य रहे सेवानिवृत अंग्रेज अधिकारी एलेन ओक्टोवियन (एओ) ह्यूम की पहल पर बम्बई के गोकुलदास संस्कृत कॉलेज मैदान में कांग्रेस की स्थापना हुई थी, जिसमें दादा भाई नौरोजी और दिनेश वाचा समेत कुल 72 संस्थापक सदस्य उपस्थित रहे! 19 वीं सदी के आखिर में अपनी स्थापना के शुरुआत से लेकर मध्य 20वीं सदी में कांग्रेस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में, अपने 1.5 करोड़ से अधिक सदस्यों और 7 करोड़ से अधिक प्रतिभागियों के साथ, ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ आजादी की लड़ाई लड़ी और 15 अगस्त, 1947 को देश को अंग्रेजों से मुक्ति दिलाया।
कांग्रेस की लड़ाई
महात्मा गांधी के नेतृत्व में ब्रितानी हुकूमत के खिलाफ लड़ी गई कांग्रेस की लड़ाई, विश्व इतिहास के स्वाधीनता आंदोलनों में अलग महत्व रखती है। कांग्रेस ने सिर्फ आजादी की लड़ाई ही नहीं लड़ी , बल्कि आजादी के बाद देश के नवनिर्माण में ऐतिहासिक भूमिका अदा की। जिस देश की बागडोर अंग्रेजों ने लूट – खसोट कर कांग्रेस को सौंपी थी, 1947 में उस देश में सुई तक नही बनती थी; सारा देश राजा- रजवाड़ों के झगड़ो में बंटा हुआ था; देश के मात्र पचास गाँवों में बिजली थी! किसी गाँव में नल नहीं थे। पूरे देश में मात्र दस बाँध थे। सीमाओं पर मात्र कुछ सैनिक : चार विमान और बीस टैंक थे ! देश की सीमाएँ चारों तरफ़ से खुली थीं और खजाना ख़ाली था: ऐसे बदहाल दशा में भारत कांग्रेस को मिला था ! ऐसे बदहाल देश में कांग्रेस ने देखते ही देखते कुछ ही दशकों में विश्व की सबसे बड़ी ताक़त वाली सैन्य शक्ति तैयार कर दी ; हज़ारों विमान हज़ारों टैंक, अनगिनत फैक्टरियां खड़ी करने के साथ लाखों गाँवों में बिजली; सैकड़ों बाँध, लाखों किलोमीटर सड़कों का निर्माण; परमाणु बम; हर हाथ में फ़ोन; हर घर में मोटर सायकल वाला मजबूत देश बना कर दिखा दिया।
कांग्रेस की मेहनत से इतने से उतनी कामयाबी में पंहुचा देश
1943 में सिर्फ 10 मेडिकल कॉलेज थे, जो प्रति वर्ष सिर्फ 700 डॉक्टर तैयार करते थे। साथ ही 27 मेडिकल स्कूल थे जो 7000 स्वास्थ्य कर्मचारी तैयार करते थे। 1951 में सिर्फ कुल 18,000 डॉक्टर थे , जिनमें अधिकांश शहरों में ही रहते थे। अस्पतालों की संख्या 1,915 थी, जिनमें 1,16, 731 विस्तरों की व्यवस्था थी।इसके अलावा 6,589 डिस्पेंसरी थीं जहां 7, 072 बिस्तरों की व्यवस्था थी। अधिकांश भारतीय शहरों में सफाई एवं मल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं थी और जिन शहरों में ऐसा इंतजाम था, वहां भी अधिकांश भारतीयों को इसका कोई फायदा नहीं मिलता था , क्योंकि ये सभी सुविधाएँ उन्हीं इलाकों तक सीमित थीं, जहां यूरोपीय और धनी भारतीय लोग रहते थे। गावों में आधुनिक जल आपूर्ति व्यवस्था का तो किसी ने नाम भी नहीं सुना था, ज्यादातर शहरों में भी इसका अभाव था।आज चिकित्सा क्षेत्र की उस छवि में क्रान्तिकारी बदलाव आ चुका है। आज जब पहले की उस स्थिति पर नजर दौड़ाते हैं तो कल्पना जैसी लगती है।आज देश में स्कूलों की संख्या 15 लाख से ज्यादा हो गयी है। आज़ादी के वक्त देश में सिर्फ 20 यूनिवर्सिटीज और 404 कॉलेज थे। आज देश में 1043 यूनिवर्सिटीज और 42303 डिग्री कॉलेज हैं। 1948 में देश में सिर्फ 30 मेडिकल कॉलेज थे आज 541 मेडिकल कॉलेज हैं। आजादी के वक्त देश में 36 इंजीनियरिंग कॉलेज थे, जिनमें सालाना सिर्फ 2500 छात्रों को दाखिला मिलता था। आज देश में 2500 इंजीनियरिंग कॉलेज हैं, 1400 पॉली टेक्निक और 200 प्लानिंग और आर्किटेक्चर कॉलेजे हैं। यानी करीब 4100 इंजीनियरिंग कॉलेज और यूनिवर्सिटीज हैं। आज पूरा विश्व विज्ञान व प्रौद्योगिकी के दौर में जी रहा है। समय बीतने के साथ विज्ञान व प्रौद्योगिकी ने बहुत ही ज्यादा तरक्की की है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के नए-नए आविष्कारों ने मानव जीवन को बेहद सरल एवं सुगम बना दिया है।
आजादी के बाद भारत ने उस स्थिति से खुद को उबारने का चमत्कार अंजाम दिया
भारत भी विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में धीरे-धीरे उल्लेखनीय विकास किया।आज हम भले ही अनुसन्धान के कारण विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व से प्रतियोगिता करने की स्थिति में हैं, पर ब्रिटेन से आजादी पाने के समय इस मामले में हमारी स्थिति अत्यंत कारुणिक थी। लेकिन आजादी के बाद भारत ने उस स्थिति से खुद को उबारने का चमत्कार अंजाम दिया।आज़ादी के बाद भारत ने सिर्फ विज्ञान व प्रौद्योगिकी के लिए विभिन्न अनुसन्धान संस्थानों की स्थापना में ही कमाल नहीं किया, बल्कि सार्वजनिक क्षेत्र के निगमों का जाल भी फैलाने का चमत्कार घटित कर दिया। 1951 में भारत में सरकारी क्षेत्र के स्वामित्व वाले 5 सार्वजनिक निगम थे। लेकिन आज ऐसे सार्वजनिक निगमों की संख्या 365 है।ऐसा ही चमत्कार बैंकिंग के क्षेत्र में भी घटित हुआ है। 1947 में जहां 664 निजी बैंकों की लगभग 5000 शाखाएं थीं, वहीं पिछले वर्ष तक के आंकड़ों के मुताबिक़ देश में 12 सरकारी बैंकों, 22 निजी क्षेत्र के बैंकों, 43 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और 46 विदेशी बैंकों की लगभग 1 लाख, 40 हजार शाखाएं कार्यरत हैं।
उक्त जानकारी जिला काँग्रेस कमेटी शहडोल के मुख्य प्रवक्ता पीयूष शुक्ला ने प्रदान की। कार्यक्रम मे मुख्य रूप से जिलाध्यक्ष अजय अवस्थी,पूर्व जिलाध्यक्ष नीरज द्विवेदी,पूर्व जिलाध्यक्ष आजाद बहादुर सिंह, पूर्व नगरपालिका उपाध्यक्ष कुलदीप निगम, वरिष्ठ कांग्रेसी रविंद्र तिवारी,जिला मुख्य प्रवक्ता पीयूष शुक्ला,पूर्व पार्षद प्रभात पाण्डेय, युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष अनुपम गौतम, सोशल मीडिया जिलाध्यक्ष प्रीतेश द्विवेदी, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष सौरभ तिवारी, जिला उपाध्यक्ष विष्णू प्रताप सिंह,शिक्षक प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष रामनरेश तिवारी,सोहागपुर ब्लाक अध्यक्ष प्रीतमदास सोनी,पार्षद हीरालाल प्रजापति,अजय जायसवाल, दलप्रताप सिंह, रवि शेखर राव,निशांत जोशी, सतीश जयसवाल, ओंकार सिंह,अकरम खान, रमेश जायसवाल, वरुण पाल,प्रकाश,अशोक, फूल सिंह, अजय सनपाल, इकबाल अली,रमेश विश्वकर्मा, रामसरोवर सिंह आदि काँग्रेसजन उपस्थित रहे।।
