जयसिंहनगर पॉस्को न्यायालय का सख्त फैसला, नाबालिग पीड़िता से अश्लील हरकतों का आरोपी गया जेल
Junaid khan - शहडोल। न्यायालय विशेष न्यायालय पॉस्को ( अपर सत्र न्यायालय) जयसिंहनगर द्वारा थाना जैसिंगनगर के अपराध के आरोपी,अतुल उर्फ अश्वनी सिंह आयु-27 वर्ष आत्मज पवन सिंह, व्यवसाय-नौकरी, निवासी ग्राम मोहनी, आरक्षी केन्द्र जयसिंहनगर, जिला शहडोल म.प्र को नाबालिग पीड़िता के साथ छेड़खानी के आरोप को सिद्ध पाते हुए 3 वर्ष की सजा सुनाई है। राज्य की ओर से नवीन कुमार वर्मा बिसेष लोक अभियोजक जैसिंहनगर ने पैरवी की न्यायालय द्वारा हुए उक्त निर्णय की जानकारी विसेष लोक अभियोजक जैसिंगनगर के हवाले सहायक मीडिया प्रभारी अभियोजन राकेश कुमार पाण्डेय ने बताया है कि पीड़ित/बालक (अ.सा.-1) वर्ष 2020 में कक्षा 8वी की पढ़ाई करते हुए घर से लगभग 3 कि.मी. दूर ट्यूशन पढ़ने जाती थी, उक्त रास्ते में अभियुक्त का घर है, दिनांक 20.11.2020 को वह सुबह लगभग 8 बजे ट्यूशन करने जा रही थी उस समय अभियुक्त घर के पास खड़े होकर उसे आंख मारते हुए अश्लील इशारा कर रहा था, तत्पश्चात जब भी वह ट्यूशन के लिए जाती अभियुक्त घर के पास खड़े होकर आंख मारते हुए अश्लील इशारा कर उसका पीछा करता था। पीड़ित/बालक (अ.सा.-1) ऐसा करने से अभियुक्त को मना की तो वह उसे मां, बहन की बुरी-बुरी गाली दिया उस समय उसके चाचा साक्षी (अ.सा.-4) एवं कपिल एक अन्य साक्षी मौजूद थे, वह उक्त बातें ट्यूशन करने वाले शिक्षक तथा मम्मी-पापा को बताई। उक्त घटना के संबंध में पीड़ित/बालक द्वारा आरक्षी केंद्र जयसिंहनगर में लिखित शिकायत पत्र प्रस्तुत करने पर अभियुक्त के विरूद्ध अपराध क्रमांक 452/2020 संहिता 1860 की धारा 354(घ), 294, 509 तथा अधिनियम 2012 की धारा 11 व 12 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर, पीड़ित/बालक सहित सभी साक्षीगण के कथन लेखबद्ध कर, पीड़ित /बालक व उसके पिता साक्षी (अ.सा.-2) की संहिता 1973 की धारा 164 के अंतर्गत कथन लेखबद्ध कराकर, पीड़ित/बालक की आयु अवधारण करने के लिए दाखिल/खारिज पंजी प्राप्त कर, अभियुक्त को गिरफ्तार कर, अन्वेषण पूर्ण करने उपरांत अभियोग पत्र प्रस्तुत करने पर प्रकरण श्रीमान् सत्र न्यायाधीश महोदय शहडोल की ओर प्रेषित किया गया जहां से प्रकरण अंतरण आदेश उपरांत जैसिंगनगर न्यायालय को भेजा गया। प्रकरण में अन्वेषण कार्यवाही उपनिरीक्षक प्रीती कुशवाहा द्वारा किया गया है। प्रकरण में अभियोजन की ओर से मामले को साबित करने के लिए,10 गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, तथा 21 दसतावेज सबूत के तौर पर पेश किए गए,।आरोपी की तरफ से अपने बचाव में एक गवाह प्रस्तुत किये गए। दोनों पक्षो के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य के विश्लेषण के बाद न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाया और उपरोक्त दंड से दंडित किया है।
