किसानों ने संकल्प लिया, 30 दिसंबर को संपूर्ण खदान का चक्काजाम किया जाएगा
Junaid khan - शहडोल। किसानों का आरोप है कि एसईसीएल ने कथित विकास के नाम पर उनकी पुश्तैनी जमीनें अधिग्रहित कर लीं, यहां तक कि बिना नोटिस दिए खेतों से कोयला भी निकाल लिया गया, लेकिन मुआवजे के नाम पर उन्हें फूटी कौड़ी तक नहीं मिली। अयोध्या गुप्ता, मुरली साहू, मुन्नी बाई, सजन बैगा और बाबूलाल साहू जैसे दर्जनों किसान आज भी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। रोजगार, पेड़-पौधों का मुआवजा और उचित पुनर्स्थापन आज भी केवल कागजों तक सीमित है। हैरानी की बात यह है कि जब पीड़ित किसान अपनी आवाज सोशल मीडिया या अखबारों के माध्यम से उठाते हैं, तो खदान के एरिया मैनेजर और उनकी टीम द्वारा उन्हें फोन पर धमकाया जा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता भूपेश शर्मा ने बताया कि प्रबंधन अब किसानों को डराने की ओछी राजनीति कर रहा है। लेकिन किसानों ने दो टूक कह दिया है, ना डरेंगे,ना झुकेंगे... हम अपना हक मांगते, नहीं किसी से भीख मांगते। धमकी देने वाले नंबरों को ट्रेस किया जा रहा है और इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक से करने की तैयारी है। ग्राम सभा में किसानों ने सामूहिक रूप से प्रस्ताव पारित कर एसईसीएल के मुआवजा लॉलीपॉप को ठुकरा दिया है। ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है कि पुनर्स्थापन राशि को 3 से बढ़ाकर 10 लाख किया जाए। डोंगरी टोला के 58 मकानों के अधूरे मुआवजे का बहिष्कार किया जाएगा, भुगतान 100 प्रतिशत एक साथ होना चाहिए। जब तक विस्थापन नहीं होता, तब तक बिजली, पानी, सड़क और स्वास्थ्य की जिम्मेदारी एसईसीएल उठाए। साथ में उतरे क्षेत्रीय ट्रैक संगठन के पदाधिकारी गण एवं क्षेत्र के माने जाने हंसते राजकुमार शराबगी की उर्फ राजा ,रिकी नितिन राणा,प्रखर मिश्रा, अखिलेश त्रिपाठी,इनका कहना है कि हम ग्रामीणों को साथ मिलकर आंदोलन में सहयोग करेंगे एवं हमसे जो भी सहयोग किया अपेक्षा होगी हम पूर्ण सहयोग कर आंदोलन के साथ बैठेंगे और आंदोलन को सफल बनाएंगे मानना है कि कहीं ना कहीं रामपुर में आप शहडोल बुढार धनपुरी अनूपपुर जैतपुर सहित संपूर्ण गांव का साथ मिल रहा है क्योंकि यह आंदोलन आप लंबा चलने वाला है।
