शहडोल में पुलिस का इकबाल खत्म,बदमाशों का बढ़ता आतंक

शहडोल में पुलिस का इकबाल खत्म,बदमाशों का बढ़ता आतंक



Junaid khan - शहडोल। जिले में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमराती नजर आ रही है। शहर के भीतर बदमाशों में पुलिस का खौफ खत्म हो चुका है। अपराधी अब सरेआम वारदात को अंजाम दे रहे हैं और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। बीती रात बुढ़ार रोड स्थित चाय–सुट्टा बार के सामने खुलेआम एक युवक के साथ बेरहमी से मारपीट की गई, जिससे पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया।

खुलेआम मारपीट,पुलिस की नाकामी उजागर

घटना के दौरान आसपास मौजूद लोग सहमे रहे, लेकिन किसी ने भी युवक को बचाने की हिम्मत नहीं की। यह साफ दर्शाता है कि बदमाशों का डर आम जनता पर इस कदर हावी हो चुका है कि लोग पुलिस की मदद मिलने की उम्मीद भी नहीं करते। सूचना मिलने के काफी देर बाद पुलिस मौके पर पहुंची, तब जाकर मामला शांत हुआ। पुलिस ने पीड़ित अखंड प्रताप सिंह की शिकायत पर आलोक सिंह और कान्हा अग्रवाल के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने की औपचारिकता निभाई, लेकिन सवाल यह है कि क्या केवल एफआईआर से अपराध रुकेंगे?

पुलिस की लापरवाही से पनप रहा अपराध

शहर में चाय और सिगरेट की दुकानों की बाढ़ सी आ गई है। बीते कुछ महीनों में अलग-अलग इलाकों में दो दर्जन से अधिक दुकानें खुल चुकी हैं। इन दुकानों की आड़ में नशे से जुड़े सामान की खुलेआम बिक्री की जा रही है। शाम ढलते ही यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लग जाता है, विवाद और मारपीट की घटनाएं आम हो गई हैं, लेकिन पुलिस न तो जांच करती है और न ही कोई ठोस कार्रवाई नजर आती है।

रात भर खुली दुकानें,गश्त नदारद 

स्थानीय लोगों का आरोप है कि देर रात तक दुकानों पर भीड़ लगी रहती है, लेकिन पुलिस की गश्त कहीं दिखाई नहीं देती। यदि समय रहते सख्ती और नियमित निगरानी नहीं की गई, तो हालात और बिगड़ सकते हैं। शहरवासियों का कहना है कि पुलिस की निष्क्रियता ही बदमाशों का मनोबल बढ़ा रही है। अब सवाल यह उठता है कि क्या पुलिस प्रशासन किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है, या फिर कानून व्यवस्था केवल कागजों तक ही सीमित रह गई है?

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