रेलवे व शासन प्रशासन को दी नीतीश कुण्डे ने आत्मदाह की चेतावनी,,लगा रहा न्याय की गुहार,हफ्ता भर से नही हुई कोई जांच,लगता है नीतीश की मौत के बाद जागेगा शासन प्रशासन,,,?

साहब न्याय करो,पीके सिंह कर रहा प्रताड़ित,मैं मजबूर हो रहा आत्मदाह करने को......?


दबंग रेलवे अधिकारी पीके सिंह से मुझे बचा लो साहब-नीतीश कुण्डे


पी.के.सिंह द्वारा मुझे भी कहा जाता है कि तेरे जात में ही कचरा उठाना,नाली साफ करना होता है, तू कहां से आ गया बड़ा पढ़ा-लिखा ऑफिस में काम करने वाला


शहडोल। उच्च पद पर बैठे अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों का किस प्रकार शोषण करते हैं और किस प्रकार प्रताड़ित करते हैं यह अब आम हो गया है शासन प्रशासन से ऐसे अधिकारियों पर कार्यवाही ना होना कहीं ना कहीं ऐसे अधिकारियों के मनोबल को बढ़ाता है जबकि ऐसे अधिकारियों पर कठोरतम कार्यवाही होनी चाहिए अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को यह उच्च पद में बैठे अधिकारी मानसिक रूप से प्रताड़ित करते आ रहे हैं ऐसे में इन पर कार्यवाही होनी चाहिए पर सबसे बड़ा सवाल कि आखिर कार्यवाही करें कौन ....?  । एक ऐसा ही ताजा मामला प्रकाश में आया है रेलवे विभाग का जहां रेलवे का एक छोटा सा कर्मचारी अपने उच्च अधिकारी से बेहद परेशान होकर आत्मदाह तक की चेतावनी शासन प्रशासन को दे डाली देखना यह है कि रेलवे विभाग के इस उच्च अधिकारी पर क्या शासन प्रशासन कोई कार्यवाही करता है या ऐसे दबंग अधिकारियों की दबंगई अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर यूं ही चलती रहेगी.........?


यह है पुरा मामला

शिकायतकर्ता रेलवे कर्मचारी नीतीश कुण्डे पिता किशोर कुण्डे ने आ,जा,का थाना में लिखित शिकायत देते हुए अपने शिकायत पत्र में लिखा की रेलवे वरिष्ठ अनुभाग अभियंता विद्युत लोको कार्यालय शहडोल में (के एस आई) खलासी के पद पर पिछले 10 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहा हूं तथा रेलवे कॉलोनी वार्ड नंबर-34 क्वार्टर नंबर 340/1 मे रहता हूं, व शहडोल का निवासी हूँ। कार्यालय में पदस्थ एस एस ई (ओ पी) पी.के.सिंह के द्वारा लगातार पिछले कई महीनों से मुझे जातिगत तरीके से ताने कसते हुए दुर्व्यवहार किया जा रहा है, यहां तक की मेरे द्वारा किसी भी सुख-दुःख पर अवकाश का आवेदन पत्र दिए जाने पर उसे स्वीकार नहीं किया जाता, बहुत ज्यादा गिड़ गिड़ाने पर ही कभी कभार छुट्टियां दी जाती है, किंतु कार्यालय में अन्य कर्मचारियों को छुट्टियां लेने पर कोई पाबंदी नहीं होती है, जब इस चीज का मेरे द्वारा विरोध किया जाता है, तो पी.के. सिंह द्वारा कहा जाता है, कि मैं तुम्हारा अधिकारी हूं, मुझे नहीं बता कि मुझे क्या करना है क्या नहीं। मेरी मर्जी जिसे छुट्टी देना है; दूंगा, जिसे नहीं देना है नहीं दूंगा। मैं कभी विरोध जताता हूं तो मुझे जातिगत गालियां भी दी जाती है। मैं अनुसूचित जाति का हूँ यह जानते हुए की मेरे रिश्तेदार में कई लोगों द्वारा रेल परिसर में साफ-सफाई का काम किया जाता है पी.के. सिंह जी द्वारा मुझे भी कहा जाता है कि तेरे जात में ही कचरा उठाना,नाली साफ करना होता है, तू कहां से आ गया बड़ा पढ़ा-लिखा ऑफिस में काम करने वाला । साथ ही कई बार मुझे कार्यालय में झाडू-पोछा के लिए भी उन्होंने कहा है विरोध करने पर कुछ भी कर लेने की धमकी देते हैं। मेरे परिवार में मेरी बीवी, तीन छोटे बच्चे, बूढ़े मां-बाप के अलावा छोटे भाई भी हैं, जिनका भरण पोषण मेरे ही द्वारा किया जाता है, ऐसे में मैं चतुर्थ वर्ग का कर्मचारी डर के मारे आज तक पी के सिंह  के खिलाफ कभी भी शिकायत नहीं किया,क्योंकि मुझे डर था कि मेरे नौकरी में कहीं दाग ना लगा दे इसलिए अभी तक सहता रहा,किंतु अब तो हद हो गई है।


बड़े अधिकारियों के साथ खड़े होकर फोटो खींचा कर हमसे बड़ा हो गया क्या

मैं रेल में सेवा देने के अलावा संगीतकार भी हूँ; बचपन से ही कार्यक्रम करता आ रहा हूं। इस श्रेणी में रेल विभाग के ही कई बड़े अधिकारियों द्वारा मुझे कार्यक्रम में बुलाया जाता है, मेरे कार्यक्रम की सराहना करने वालों द्वारा) तथा मेरे द्वारा अपने कार्यक्रम के फोटो व वीडियो सोशल प्लेटफॉर्म में डालने पर भी पी.के.सिंह जी को ना जाने क्या आपत्ति है, हमेशा मुझे बिना कारणवश रोकते टोकते रहते हैं और कहते हैं कि तू 

डी.आर.एम. जी.एम., कलेक्टर, एस.पी., कमिश्नर के साथ खड़ा होकर फोटो खींचा लिया तो क्या तू हमसे बड़ा हो गया

हमको अभी तू नहीं जानता हम क्या है, हम चाहें तो तेरा यहां से ट्रांसफर करवा दें, चाहे तो ऊपर फोन घुमाने पर तेरा सस्पेंड करवा दे, कई ऐसी बातें कहते हुए मुझे मानसिक रूप से उन्होंने प्रताड़ित कर रखा है, विरोध करने पर बस हमेशा एक ही बात कहते हैं कि तू जहां मेरी शिकायत करना चाहता है, कर दे, बड़े अधिकारियों से कर दे, और जा उनसे बता देना, जिनके साथ खड़े होकर फोटो खिंचाता है।

मैं कभी भी आत्मदाह करने के लिए मजबूर हो जाऊंगा

मैं पूर्णतः त्रस्त और परेशान हो चुका हूँ, कलेक्टर ,पुलिस अधीक्षक,अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जोन शहडोल,मंडल रेल प्रबंधक, बिलासपुर छ0ग0,अध्यक्ष मानवाधिकार आयोग,अध्यक्ष अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग भोपाल,थाना प्रभारी शासकीय रेल पुलिस शहडोल अ.जा.क.थाना प्रभारी शहडोल आपके समक्ष न्याय की गुहार लगा रहा हूँ। कृपया मेरी समस्या का समाधान करें, अन्यथा यूं ही यदि चलता रहा तो मैं कभी भी आत्मदाह करने के लिए मजबूर हो जाऊंगा, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी पी.के. सिंह की होगी। में आप सभी अधिकारियों से न्याय की गुहार लगा रहा हूं मेरे साथ न्याय करे।

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