नियम कानून की धज्जियां उड़ा रहे शादी पैलेस संचालक,पुलिस व नगर पालिका पर उठ रहे सवाल,,,?
धड़ल्ले से बज रहे डीजे,रोड जाम,शहर में फैला कचरा जिम्मेदार कौन......?
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने जहां एक ओर सभी जिला अधिकारीयों को कड़े निर्देश दिए कि मंदिर मस्जिद से लाउडस्पीकर हटाऐ जाए वहीं डीजे का साउंड भी कम होना चाहिए प्रदेश की जनता को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। साउंड के लिए लाउडस्पीकर का आदेश आया तो क्या सिर्फ धार्मिक एस्थलों पर बस आया क्या जबकि डीजे वालो के लिए भी आदेश आया था कि कम आवाज में रोड डीजे चलेंगे और धमक कम होगी और पैलेस में रात्रि 10 बजे के बाद टोटल बन्द होंगे लेकिन शहडोल शहर की बात करें तो पेलेशो में रात्रि 02 बजे तक तेज़ आवाज में डीजे बजते है और जनता परेशान होती है।पर लगता है शहडोल जिले में मोहन सरकार के आदेश पर कितने सक्रिय हैं जिले में बैठे अधिकारी बता दें कि धड़ल्ले से डीजे बज रहे शहडोल की गलियों में तो वहीं नगर में लगा रहता है जाम आखिर कौन है जिम्मेदार साहब।
शहडोल। सरकार के आदेश का क्या जिले में पालन हो रहा है या फिर आदेश केवल कागजों तक सीमित। शहडोल नगर वासियों को इन दिनों काफी दिक्कतो का सामना करना पड़ रहा है। इसके पुर्व में भी खबर प्रकाशित कर जिले में बैठे अधिकारियों तक आवाज पहुंचाने के उद्देश्य से खबर प्रकाशित किया गया था। पर आज तक जिले के मुखिया ने जनता की इन समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया। बल्कि आज तक किसी भी शादी पैलेस संचालक को किसी प्रकार ना कोई कार्यवाही हुई न कोई समझाइश दी गई। अब देखना यह है कि इन पैलेस वालो के ऊपर जिले की मुखिया कलेक्टर एवं पुलिस कप्तान कोई कार्यवाही करते हैं या नही।
जनता की शिकायतें पर कार्यवाही शुन्य।
शहडोल नगर वासियों के द्वारा परेशान हो कर कोतवाली व 100 नम्बर डायल में फोन करके भी बताती है। तो कोई पुलिस के जवान आकर डीजे नही बन्द कराते है। वहीं बार बार फोन लगाने पर कोतवाली पुलिस फोन उठाना भी बन्द करदेती है। यही हाल पुलिस कंट्रोल रूम का भी है। पर इन डीजे व टेन्ट व शादी पैलेस संचालको पर कोई कार्यवाही नही होती है। इतने आदेश निकलने के बाद भी पुलिस प्रशासन सीएम के आदेश को नकार रही है। आखिर क्यों वहीं अभी कुछ दिन पहले ही नगर पालिका में शहडोल इतवारी मोहल्ला वार्ड वासीयों के द्वारा नगर पालिका सीएमओ को एक साथ होकर शिकायत भी किये थे कि उनके मोहोलले में एक पैलेस है जोकि भारती पैलेस के नाम से जहाँ टेंट वाले काम करते है। जोकि जब शादी होती है तो यहां का रास्ता पूरा बन्द कर देता जोकि वार्ड वाशी परेशान होते है पर शादी पैलेस संचालको एवं टेंट वालो पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।
शहर के पैलेसों में वाहन खड़ा करने की जगह नही है।
पुलिस प्रशासन जो जनता की रक्षक है, कि पैलेश के मालिक जोकि बीच रास्ते मे वाहन खड़ा करवाते है, आज एक मामला अभय कुंज पैलेस का दिख गया तो पता चला लेकिन शहर में किसी भी पैलेसों में वाहन खड़ा करने की जगह नही है जैसे,अभय कुंज,भारती पैलेस,संस्कार पैलेस,लगन पैलेस,सुभम पैलेस,आशीर्वाद पैलेस,सिंधी धर्म साला पैलेस,महाराजा पैलेस,पारुल पैलेस,मोती महल पैलेस,कुंदन किंग्स होटल, पृथ्वीराज पैलेस,गिरिन गार्डन पैलेस,गिरिन वैली पैलेस,जलसा पैलेस,राजेन्द्र टाकीज पैलेश,जरा सोचिए कि शहर में इतने पैलेस बस नही और भी कई अन्य पैलेस भी चल रहे है, और सभी का यही हाल है।
शादी पैलेस संचालको पर कौन मेहरबान।
आज तो मीडिया को अभय कुंज का मामला दिख गया, पर शहर में कितने पैलेस है, जोकि सभी के पास कोई सुविधा नही है, वाहन खड़ा करने की, रोज ऐसे कितने मामले होते होंगे, जनता कितनी परेशान होती होगी।यह तो जिला प्रशासन बता व दिखा सकती है की पैलेस वालो के पास गार्ड होना चाहिए,और वाहन खड़ा करने की जगह होना चाहिए,और जिनके पास नही है इन सब की सुविधा तो ऐसे शादी पैलेस बंद करा देना चाहिए, ताकि जनता के साथ कोई बड़ा हादसा न हो।क्या सभी पैलेस वालो के ऊपर जिले के अधिकारी एवं पुलिस मेहरबान है, कोई कार्यवाही नही कोई जांच टोक रोक नही है, आखिर इसको क्या समझा जाये पुलिस प्रशासन के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा होता है, अब देखना यह होगा कि क्या पुलिस प्रशासन जनता की वाकई में रक्षक है, कि सिर्फ दिखावा है।