दो पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही,न लायसेंस न गाड़ी पे नंबर बाइक राइटरों पे मेहरबानी आखिर क्यों साहब...?
शहडोल। जहां शहडोल स्टेडियम के पास कुछ युवकों के बाइक राइटरों की सूचना पुलिसकर्मियों को दी गई सूचना पुलिस को मिली की स्टेडियम रोड पास कुछ युवक हैवी बाइक व बाइक राइटर्स काफी दिनों से शाम होते जब लोगो की भीड़ जमा होती है व लोग टहलने व एक्सरसइज करने आते है तो बाइक राइटरों की वजह से उन्हे बहुत दिक्कतें परेशानी होती काफी तेज रफ्तार में बाइक चलाते है और कोतवाली पास में है लेकिन पुलिस को नही दिखता है न पुलिस कार्यवाही करती है,ऐसे काफी भीड़ होने से अगर किसी के साथ कोई बड़ी घटना हो जाती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।
सक्रियता से मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस
लेकीन जब पुलिस को इस बात की सूचना मिली तो कोतवाली से 02 पुलिसकर्मि 04 जुलाई को इस्टेडियम पहुंचे तो देखे की कुछ बाइक पे सवार बाइक राइटर्स बाइक के साथ रेसिंग के लिए तैयार खड़े हुए थे, पुलिसकर्मी के कोतवाली से जवान महेंद्र पाल शुक्ला, व निर्मल मिश्रा, ने उन्हें समझाइस दी और पूछ तांछ भी की बाद में थाना प्रभारी कोतवाली राघवेंद्र तिवारी भी आऐ जिन्होंने ने भी समझाइस दी,और समझा कर चले गए।
अब मामला कैसे पलटा देखिए हुआ क्या
जब पुलिसकर्मी के दो जवान पहुंचे तो उन्होंने पूछ तांछ की और डांटा चिल्लाया भी ताकि उन युवक के अंदर डर बना रहे और बाइक आराम से चलाए और हेलमेट कागज सभी बनवा कर रखे रहे और ऐसी जगह में वह कही भी बाइक को तेज न चलाएं अब सवाल यह बनता है कि अगर पुलिस गुस्सा नही दिखाइएगी तो कैसे इन पर डर बनेगा, लेकिन वहां पर हुआ यह कि दोनो पुलिस के जवानों ने गुस्से में कुछ ज्यादा बोल दिया और युवक ने वीडियो बनाकर एसपी एडीजीपी सीएम डीजीपी को ट्वीट कर टैग कर दिया,जिसके चलते एसपी कुमार प्रतीक ने वीडियो के मामले को संज्ञान में लेते दोनो पुलिस कर्मी महेंद्र पाल शुक्ला, व निर्मल मिश्रा, को तुरंत निलंबित कर दिया दो जनरक्षक पुलिस कर्मियों को निलंबित होना पड़ा क्या यह सही है आप स्वयं अंदाजा लगाइए आखिर किसकी गलती है।
न गाड़ी पर नंबर प्लेट न लाइसेंस
अब बात यहां पर यह आती है कि पहली बात तो शहडोल की कोई ऐसी रोड तो है नही की तेज रफ्तार वाली बाइक चल सके,अब दूसरी बात यह की शहर में इतनी भीड़ होने के बाद भी आप यह सब बाइक तेज़ रफ़्तार में नही चला सकते है,तीसरी बात जो बाइक राइटर्स को समझाया गया उनके कुछ युवक के पास न तो लाइसेंस था न कइयों की गाड़ियों में नम्बर प्लेट थी और बाइक में कुछ साइड में कुछ उल्टा सीधा समान भी फसाये थे जोकि वीडियो में साफ दिख भी रहा था और युवक आपस मे बात भी छुपाने की कर रहे थे।
जनता नियमों की अवहेलना करें तो सही,पुलिस समझाइश दे डांटे तो ग़लत आखिर क्यों
अब ऐसी स्तिथि में आखिर है तो पुलिस जनता की रक्षक तो पुलिस को सूचना नहीं देंगे व बुलाएंगे लोग तो किसको बुलाएंगे और अगर ऐसे मामले में पुलिस पहुंचकर अपनी आंखों से खुद देख रही है तो क्या पुलिस हाथ जोड़कर साहब बोलकर ऐसे लोगो से बात करेगी के गुस्से में बात करेगी या फिर कार्यवाही करेगी अब अगर पुलिस ने इतना सब भी देखकर समझाइस दी और बाइक जप्त नही की या कार्यवाही मामला दर्ज नही की यह सोच कर की पढ़ने लिखने वाले बच्चे है कार्यवाही होगी मामला दर्ज होगा तो इनकी पढ़ाई लाइफ में दिक्क्क्त आ जायेगी इस लिए एक बार इनको अच्छा डांट कर समझाइश दे देते है तो हो सकता है सुधर जाए,तो क्या पुलिस के जवानों ने गलत किया लेकिन यहां आजकल के जमाने में सोसल मीडिया जमाना है जिसके माध्यम से वीडियो बनाकर ट्वीटर व वायरल किया गया जिसके चलते वह पुलिस के जबानों को निलंबित कर दिया गया क्या पुलिस के जवानों के साथ सही हुआ आप स्वयं अंदाजा लगाइए।अब अगर ऐसे छोटे मोटे मामले में पुलिस को गलत साबित करके अगर ऐसे ही निलबिंत किया गया तो वह दिन दूर नही जब पुलिस किसी को कुछ नही बोलेगी और जो जहां जैसे जिसके साथ चोरी हत्या वगेरा वगेरा मामले आते है तो पुलिस फिर शांत होकर बैठकर देखेगी और ऐसे में अपराध होना बढ़ जाएंगे फिर जनता खुद कानून बनेगी और खुद आरोपी बनेगी जनता ही सब कर लेगी।पुलिस कुछ नही कर पायेगी।हम यह नही कहते कि पुलिस कर्मचारियों ने जो किया जो कहा बोला सही किया।लेकिन अगर पुलिस गुस्सा डांटना समझना नही करेगी तो कैसे अपराध रुकेंगे।कैसे पुलिस का डर बनेगा जनता पर आज कानून का पुलिस का डर है लोगो मे जोकि। पहले से कितना फर्क आया है शहडोल जिले में काफी साल पहले के अपराध देखलें और अभी के देखलें हम पत्रकार लोग कोई किसी का सपोट नही कर रहे है,बस जो बात सही है उसको लिख रहे है क्योंकी,खबर वही जो सही,मानते है एसपी साहब को वीडियो मिली देखे सुने और बड़े बड़े अधिकारी भी देखे जोकि उन्होंने संज्ञान में लेकर एसपी साहब को निलंबित करना पड़ा लेकिन एक बार जनता खुद सोचे कि अगर पुलिस एक्सन नही लेगी गुस्से वाला तो कैसे सब रुकेगा आखिर सब जानने के बाद न मामला दर्ज किया न कोई गाड़ी जप्त की न कोई कार्यवाही की बच्चो का भविष्य न खराब हो तो क्या सुनाकर चार बात कही भी तो क्या गलत की वही अभी कार्यवाही व जप्त कर लेती मामला बना देती जिससे पढ़ने वाले बच्चो का भविष्य खराब होता तो ठीक था,और आज कल तो सभी लोग देख रहे है कि कितनी चोरियां घरों में व बाइक दुनिया भर की चोरियां हो रही है अब अगर पुलिस को सूचना मिलती है तो क्या न पहुंचे न पूछ तांछ करे यह तो अब जनता व पुलिस प्रशासन के बड़े अधिकारी बता सकते है।
भुल गए 24 घंटे सक्रियता से ड्यूटी करती है पुलिस तो आप अपने घरों में मनाते हो ईद और दिवाली
यह वही पुलिस है जब आप अपने घरों में ईद व दिवाली का त्यौहार मनाते हैं तो यह आपके लिए अपने परिवार बच्चे बहन मां बाप को छोड़कर आपका त्यौहार सफल कराते हैं,आपके लिए रक्षक बनकर खड़े रहते हैं,यह वही पुलिस है जब आप रात में चैन की नींद सोते हैं,तो यह आपके घर घर जा जाकर रास्ते से निकलकर तकवरी करते है, हमारी जनता से अपील है कि अगर ऐसा कुछ आप मामले में पुलिस को सूचना दें और बुलाए और अगर लोग गलत हैं वह गलत काम कर रहे हैं और अगर उन्हें पुलिस कुछ बोल रही है समझा रही है डांट रही है चिल्ला रही है तो आप पुलिस का सपोर्ट करें हम यह नहीं कहते हैं कि पुलिस सही कर रही है गलत कर रही है तो आप पुलिस का साथ दें लेकिन जहां पर आप देख रहे हैं कि जनता का नुकसान हो रहा है जिससे वहां पुलिस जाकर जनता के लिए लड़ रही है बहस कर रही है डांट रही है चिल्ला रही है तो वहां आप भी उन पुलिस कर्मियों का सपोर्ट करें ऐसे मामले में अगर आरोपी अपराधी विरोध करते हैं तो आप उन विरोध को करें सामना करें उनका उन्हें बचाने की कोशिश करें।