तो क्या लचर,बेबस,अपंग प्रशासन नोटिस तक सीमित,धारा 152 बीएनएसएस की अवहेलाना...?

आदिवासी बाहुल्य जिले में अधिकारी स्वयं संविधान की धाराओं की उड़ा रहे धज्जियां......?


शहडोल नगर की लचर यातायात व्यवस्था का जिम्मेदार कौन,कागजों तक सीमित कार्यवाही...?


शहडोल। संभागीय मुख्यालय होने के कारण सभी जिला एवं संभागीय अधिकारियों का निवास स्थान शहडोल नगर होने के बाबजूद नगर की लचर यातायात व्यवस्था से नगर वासियों सहित जिले व संभाग से न्याय की आस में आने वाली गरीब जनता परेशान जिसका मुख्य कारण सड़कों पर अवैध रूप से खुली दुकानें यातायात व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रहे हैं और जिम्मेदार अधिकारियों ने संविधान की धारा 152 बीएनएसएस के तहत नोटिस जारी तो कर दिया पर कार्यवाही करना भुल गए। हमारे द्वारा नगर की लचर यातायात व्यवस्था पर प्रमुखता से शीर्षक (वो-वो-वो करेंगे कार्यवाही हमने लिखा है पत्र ,आखिर ,फुटपाथ पर अतिक्रमण फैला, कलेक्टर बंगले के बगल में,कौन करेगा कार्यवाही साहब,शहडोल नगर की यातायात व्यवस्था अपनी बेबसी के बहा रहा आंसू ) से खबर का प्रकाशन भी किया गया जिसके बाद आनन फानन में कार्यालय अनुविभागीय दण्डाधिकारी सोहागपुर जिला शहडोल म.प्र.क्रमांक / नोटिस / 2024 1479सोहागपुर दिनांक 25.10.2024//धारा 152 बी.एन.एस.एस. के तहत सशर्त नोटिस//प्रति, समस्त किराना व्यवसायी जिला शहडोल,उप पुलिस अधीक्षक यातायात, शहडोल ध्दारा अपने पत्र क्रमांक / उ.पु.अ./याता./492 /2024 दिनांक 24,10.2024 व्दारा अवगत कराया गया है, कि आपके व्दारा फुटपाथ /पार्किंग स्थान पर टेंट लगाकर यातायात व्यवस्थाबाधित किया जा रहा है जिससे जाम की स्थिति निर्मित हो रही है। आपका उक्त कृत्य लोक न्यूसेन्स की धारा 152 बी एनएसएस के उल्लंघन की श्रेणी में आता है।अतएव आप अपने दुकानों के सामने पार्किंग स्थान पर टेंट लगाकर एवं फुटपाथ पर सामानों का विक्रय कर किये गये अतिक्रमण को आज दिनांक 25.10.2024 को हटा ले, अन्यथा एक पक्षीय कार्यवाही की जाकर प्रशासनिक स्तर पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करते हुए कृत कार्यवाही में किए गये व्यय का आपसे चल अथवा अचल सम्पत्ति के माध्यम से वसूल किया जायेगा अनुविभागीय दण्डाधिकारी सोहागपुर ने जारी नोटिस में लिखा गया पर आज भी शहडोल नगर की लचर यातायात व्यवस्था जस की तस बनी हुई है और अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी हैं वहीं संविधान की धारा 152 बीएनएसएस की धज्जियां उड़ रही है और अनुविभागीय दण्डाधिकारी सोहागपुर साहब नोटिस जारी कर कागज़ी कोरम पूरा कर दिऐ।


नगर की सड़कों से निकलना हुआ दुभर चौराहों पर लग रहा जाम


शहडोल नगर में इन दिनों मुख्य मार्ग हो फिर गली चौराहे हो हर जगह जमके जाम की स्थिति निर्मित हो रही है वहीं जम के कारण कई जगह विवाद भी हो रहे हैं पर अगर प्रशासनिक व्यवस्था की बात की जाए तो अधिकारियों ने आंख कान मुंह बंद कर रखा है अब नगर की बिगड़ी लचर यातायात  व्यवस्था कैसे सुधारे आम जनता को कैसे राहत मिले सबसे बड़ा सवाल बना देखा जाए तो शहडोल संभागीय मुख्यालय में कलेक्टर एसपी एसडीएम नगर पालिका यातायात अधिकारी सहित प्रशासनिक सारे तंत्र मौजूद हैं पर फिर भी अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण आम जनता को जाम की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।शहडोल नगर में जिस तरह से यातायात व्यवस्था बिगड़ रही है उससे यह तो स्पष्ट होता है कि संबंधित विभाग के अधिकारी कर्मचारी शहर में फैल रही यातायात की बिगड़ी व्यवस्था की जिम्मेदार हैं अब आम जनता चले तो चले कहां एक बात और बता दें कि शहडोल नगर के चारों दिशाओं में हर रास्ते पर अतिक्रमण फैला हुआ है जनता का निकलना मुश्किल हो रहा है कई जगह विवाद की स्थितियां भी बन जाती हैं एंबुलेंस वहां घंटों इंतजार करता है जिम्मेदारों ने अपनी आंखें बंद कर रखी है जो जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।

खुद के आदेश को भूल गए एसडीएम सोहागपुर


बता दे की विगत दिनों पूर्व ही एसडीएम सोहागपुर ने शहडोल नगर में फैले अतिक्रमण को रोकने के लिए संविधान की धारा 152 बीएनएसएस के तहत नोटिस जारी कर दिया वही साथ ही अपने आदेश की प्रतिलिपि कलेक्टर नगर पालिका यातायात विभाग तथा तहसील सहित व्यवसाईयों को भेजा गया जिसमें स्पष्ट रूप से यह लिखा गया था कि अवैध अतिक्रमण हटाया जए अन्यथा कड़ी कार्रवाई होगी पर शायद अपने खुद के आदेश को एसडीएम सोहागपुर भूल गए 25 तारीख के बाद आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई जबकि नोटिस पर स्पष्ट रूप से यह लिखा गया है कि 25 10 2024 तक अतिक्रमण हटा लिया जाए अन्यथा कड़ी कार्यवाही की जाएगी पर आज दिनांक तक ना ही नगर में फैला अतिक्रमण हटा और ना ही एसडीएम सोहागपुर के द्वारा कोई कार्यवाही की गई जो एसडीएम सोहागपुर की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है वही संबंधित विभाग सहित जिले के मुखिया कलेक्टर के द्वारा भी अभी तक नगर की व्यवस्था को लेकर कोई कड़ा कदम नहीं उठाया गया जिससे यह प्रतीत होता है कि आदिवासी बाहुल्य जिले में क्या ऐसा कोई सक्रिय अधिकारी नहीं है जो जनता की समस्या को सुने और उसका त्वरित समाधान करें। जिले में बैठे अधिकारी कागजी कोरम पुरा कर जहां एक और सरकार को गुमराह कर रहे हैं वहीं जनता को भी गुमराह कर रहे हैं सवाल यह है कि जब शहडोल संभागीय मुख्यालय होने के बावजूद भी यातायात व्यवस्था की धज्जियां उड़ रही हो और अधिकारी ने नोटिस भी जारी कर दी हो उसके बावजूद भी कार्यवाही शून्य इससे यह स्पष्ट होता है कि कहीं ना कहीं अधिकारी जनता को गुमराह करते हुए कागजी कोरम पूरा कर अपनी सक्रियता दिखा रहे हैं पर अगर देखा जाए तो कागजों में शहडोल नगर स्वच्छ और स्वस्थ दिख रहा है पर शहडोल नगर की सड़के अपनी व्यवस्था के आंसू बहा रही है और जनता यातायात की व्यवस्था से परेशान ।अब देखना यह है कि क्या एसडीएम सोहागपुर के द्वारा जारी नोटिस पर क्या एसडीएम सोहागपुर कोई कार्यवाही करते हैं या फिर दीपावली की मिठाई खाकर अपना मुंह मीठा करते हैं।







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