एसपी कुमार प्रतीक के मास्टर माइंड से टीआई अरुण पांडेय ने की बड़े अपहरण के मामले का खुलासा,,,

बालक के अपहरण की झूठी रिपोर्ट माँ और मामा ने मिलकर रची थी साजिश,,,

फीस भरने की बात के विवाद को लेकर स्कूल प्रबंधन पर दबाव बनाने हेतु दर्ज कराई गई,,,


शहडोल। मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 22.10.2024 को फरियादिया (परिवर्तित नाम) श्रीमती माया निवासी ब्यौहारी थाना ब्यौहारी की थाना उपस्थित आकर रिपोर्ट दर्ज करायी कि मेरा लड़का (परिवर्तित नाम) दिव्य उम्र करीब 11 वर्ष 09 माह का जो कि कक्षा 06वीं में है, जो एक निजी स्कूल में पढता था, दिनाँक 22.10.2024 को सुबह पढ़ने के लिये गया था। दोपहर में स्कूल की छुट्टी होने के बाद मेरा लड़का (परिवर्तित नाम) दिव्य को काफी देर तक घर वापस नही आया। तब लड़के की पता तलाश आस पास मोहल्ले, कस्बा ब्यौहारी एवं रिस्तेदारी मे घूम फिरकर एवं फोन लगाकर की लड़के का कोई पता नहीं चलने पर थाना रिपोर्ट करने आई हूँ। फरियादिया की रिपोर्ट पर धारा 137(2) बी.एन.एस. का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया था। प्रकरण 11 वर्ष के बालक के अपहरण से संबंधित होने से ब्यौहारी पुलिस व्दारा प्रकरण के संबंध मे तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया। पुलिस अधीक्षक शहडोल श्री कुमार प्रतीक व्दारा गंभीरता से पतारसी कर बालक को दस्तयाबी हेतु थाना प्रभारी ब्यौहारी निरीक्षक अरुण पाण्डेय को निर्देशित किया गया। थाना प्रभारी ब्यौहारी द्वारा अपहृत बालक की दस्तयाबी एवं प्रकरण की विवेचना हेतु 03 अलग-अलग टीमें गठित कर विवेचना की गई। प्रकरण की विवेचना के दौरान यह पाया गया कि उक्त बालक दिनांक 22.10.2024 को सुबह स्कूल गया था, किन्तु स्कूल प्रबंधन द्वारा बालक के परिजनों व्दारा बालक की शैक्षणिक सत्र 2024-2025 एवं उसके छोटे भाई की शैक्षणिक सत्र 2023-2024 एव 2024-2025 की फीस जमा ना करने से बालक को सुबह ही वापस भेज दिया गया था।

बनाया गया था प्लान

स्कूल व्दारा वापस किये जाने पर बालक अपने घर तुरंत ही वापस आ गया था। जिसके बाद बालक की माँ द्वारा अपने भाई को गाँव से बुलाया गया तथा स्कूल प्रबंधन पर दबाव बनाने के उद्येश्य से यह दर्शाने के लिये की स्कूल प्रबंधन/प्राधानाचार्य व्दारा बालक को वापस किये जाने से कोई उसका अपहरण कर लिया गया है एवं वह बच्चा गायब है, ऐसा प्लान करते हुये बालक को उसके बुआ के घर रीवा बस में बैठाकर भेज दिया गया। बालक को बस में उसके मामा एव माँ द्वारा ही बैठाया गया था तथा प्लान के मुताबिक थाना ब्यौहारी मे उपस्थित आकर अपहरण की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई गई। ब्यौहारी पुलिस द्वारा प्रकरण के अनुसंधान के दौरान यह पाया गया कि बालक स्कूल से गायब नहीं हुआ था बल्कि स्कूल प्रबंधन व्दारा वापस किये जाने पर घर आ गया था तथा सुनियोजित साजिश के तहत बालक को रीवा भेज दिया गया। बालक को घर से बिजली तिराहा छोड़ने हेतु मामा एव माँ को ले जाते अन्य साक्षी गण द्वारा देखा गया था तथा इस संबंध मे सीसीटीव्ही फुटेज भी पुलिस द्वारा प्राप्त किये गये हैं। तय प्लान के मुताबिक बालक दिनांक 22.10.2024 को शाम को रीवा अपने बुआ के घर पहुंच गया था पहुंचकर दिनांक 22-23.10.2024 को रीवा मे बुआ के घर रुका रहा। दिनांक 24.10.2024 को बालक की माँ द्वारा बालक को रीवा के बिछिया थाना ले जाकर पुलिस को यह बताने हेतु कहे जाने कि मुझे कोई पकड़कर लाया था बालक द्वारा बिछिया थाना जाकर उक्त बात बताया गया। थाना बिछिया जिला रीवा से ब्यौहारी पुलिस को सूचना प्राप्त होने पर बालक को अपने सुपुर्दगी मे लेकर पूछताछ किये जाने पर उक्त झूठी अपहरण की साजिश का खुलासा हो सका है। पुलिस व्दारा बालक के माँ से भी पूछताछ किये जाने पर उसके व्दारा भी स्कूल प्रबंधन व्दारा फीस हेतु दबाव बनाने से परेशान होकर सबक सिखाने हेतु बालक को उसके बुआ के घर रीवा भेजकर उसके गायब होने की रिपोर्ट दर्ज कराना बताया गया। इस प्रकार ब्यौहारी पुलिस व्दारा तत्परता का परिचय देते हुये गायब बालक को दस्तयाब कर इस झूठे अपहरण की साजिश का खुलासा किया गया है। इस महत्वपूर्ण घटना क्रम के खुलासे एवं अपहृत बालक की दस्तयाबी मे थाना ब्यौहारी के निरी. अरूण पाण्डेय, उ.नि. मोहन पड़वार, सउनि. गया प्रसाद कन्नौजे, प्र.आर. नरेन्द्र उपाध्याय, आर. अमृत यादव, आर. गंगासागर गुप्ता, आर. संजय द्विवेदी, महिला आर. 431 माधुरी साहू, आर. त्रिलोक सिंह, एवं आर. सत्रुधन सिंह सेंगर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

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