लोकायुक्त के पत्र पर एक साल में पूरी नहीं हुई डीईओ कार्यालय की जांच

करोड़ों रुपए घोटाले का आरोप, आनन-फानन में जांच को पहुंची टीम



Junaid khan - शहडोल। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में वित्तीय गड़बड़ी की शिकायत पर लोकायुक्त भोपाल द्वारा पिछले साल 06 मई को मांगी गई जांच प्रतिवेदन पर जिला प्रशासन की जांच एक साल में पूरी नहीं हुई। लोकायुक्त ने जांच प्रतिवेदन 26 जुलाई 2024 तक लोकायुक्त संगठन भोपाल को जमा करने कहा था। पत्र जारी होने के बाद एक साल में जांच प्रतिवेदन नहीं मिलने पर लोकायुक्त ने इस पूरे मामले को गंभीर लापरवाही माना तो आनन-फानन में जांच टीम को जिला शिक्षा अधिकारी (डीइओ) कार्यालय भेजा गया। सोमवार शाम डिप्टी कलेक्टर दिव्या मरावी के नेतृत्व में जिला कोषालय अधिकारी दिवाकर मिश्रा और ई-गर्वनेंस के हरिकृष्ण सोनी की टीम ने डीइओ कार्यालय में जांच के दौरान दस्तावेज खंगाले। शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत में दर्ज बिदुओं के आधार पर फाइलें देखी। शिकायकर्ता द्वारा लोकायुक्त संगठन भोपाल को दर्ज शिकायत में प्रभारी डीइओ फूलसिंह मारपाची, एपीसी अरविंद कुमार पांडेय के विरूद्ध क्रीड़ा, स्काउट परीक्षा, रेडक्रास, शासकीय कैशबुक, समग्र शिक्षा सेकेंडरी एजुकेशन, पीएमश्री, सीएम राईज तथा व्यवसायिक शिक्षा सहित एक जनवरी 2023 से अप्रैल 2024 तक प्रशासनिक एवं वित्तीय नियंत्रण अधिकारी बनकर कैशबुक में हेराफेरी कर करोड़ों रूपए की अनियमितता के आरोप लगाए गए हैं। आरोपों की जांच के दौरान टीम के समक्ष डीइओ फूलसिंह मारपाची भी मौजूद रहे। उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देने के बजाय कमरे से बाहर बैठाने की बात कही।

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