अस्पताल प्रशासन लाचार: दो घंटे बाद मिला शव वाहन

अस्पताल प्रशासन लाचार: दो घंटे बाद मिला शव वाहन


Junaid khan - शहडोल। जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों में शव वाहन को लेकर आए दिन समस्या देखने को मिल रही है। मृतक के परिजनों को वाहन के लिए काफी मशक्कत करना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला बुढ़ार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से सामने आया है, जहां उपचार के दौरान महिला की मौत के बाद परिजन शव वाहन के लिए ढाई घंटे परेशान होते रहे, इसके बाद समाजसेवियों की मदद से शव वाहन उपलब्ध हो सका। जानकारी के अनुसार सोनाली बैगा पति ललवा 45 निवासी उधिया को तबियत खराब होने पर भर्ती कराया गया था, जहां उपचार के दौरान गुरुवार दोपहर करीब 3 बजे उसकी मौत हो गई। मृतिका के परिजन असप्ताल से प्रबंधन से शव वाहन की मदद मांगी लेकिन अस्पताल से शव वाहन की सेवा उपलब्ध नहीं हो सका, जिसके बाद परिजन घंटो यहां वहां भटकते रहे। इसी बीच समाज सेवियों को इसकी जानकारी लगी और ढाई घंटे बाद करीब 5.30 बजे धनपुरी नगरपालिका से शव वाहन उपलब्ध हो सका।

कागजी प्रकिया में फंसा मामला 

स्थानीय लोगों की माने तो धनपुरी नगरपालिका से शव वाहन प्राप्त करने के लिए कई कागजी प्रक्रिया के बीच से गुजरना पड़ता है, जिसके बाद वाहन की सुविधा प्राप्त होती है। सोनाली बैगा की मौत के बाद भी शव वाहन के लिए परिजनों से आवेदन के साथ एक शपथ पत्र लिया गया, जिसके बाद वाहन उपलब्ध कराया गया। यह समस्या के बुढ़ार के लिए कोई नहीं है, यहां आए दिन गरीब आदिवासियों को इस तरह की समस्या से गुजरना पड़ता है। कहने को तो जिले को चार शव शासन स्तर से प्राप्त हुए हैं, लेकिन जरूरत के समय इसकी सुविधा मिलने में काफी समय लगता है, जिससे मृतक के परिजनों को मजबूरन ऑटो रिक्शा से शव ले जाने की मजबूरी बनती है।

इनका कहना है

बुढ़ार अस्पताल में शव वाहन की सुविधा नहीं है, मृतक के परिजन वाहन के लिए परेशान हुए है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है।

डॉ. शैली जैन, प्रभारी बीएमओ जिला शहडोल

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