शहडोल में आस्था पर सबसे बड़ा सवाल: भक्त बनकर आया चोर,भगवान के मुकुट उतार ले गया
Junaid khan - शहडोल। संभागीय मुख्यालय शहडोल में आस्था, विश्वास और सुरक्षा तीनों को झकझोर देने वाली सनसनीखेज चोरी सामने आई है। रेलवे कॉलोनी स्थित भगवान श्री तिरुपति बालाजी मंदिर में अज्ञात बदमाश ने ऐसा दुस्साहस किया, जिसने पूरे शहर को सन्न कर दिया। संध्या आरती के कुछ ही देर बाद मंदिर में दाखिल हुए बदमाश ने भगवान के तीन छोटे और तीन बड़े चांदी के मुकुट उतार लिए और बिना किसी हड़बड़ी के फरार हो गया। जूते उतारे, प्रणाम किया… फिर आस्था पर वार। सीसीटीवी फुटेज में जो दृश्य कैद हुआ है, वह हर देखने वाले को चौंका रहा है। बदमाश मंदिर के बाहर जूते-चप्पल उतारता है, भीतर जाकर भगवान को प्रणाम करता है, प्रतिमा की परिक्रमा करता है और फिर बिल्कुल शांत भाव से चांदी के मुकुट उतार लेता है। न तो जल्दबाज़ी, न घबराहट मानो कोई नियमित भक्त हो। यही “भक्त का भेष” इस वारदात को और भी भयावह बनाता है। करीब 03 लाख की चोरी, मंदिर समिति स्तब्ध मंदिर समिति के अनुसार चोरी गए चांदी के मुकुटों की अनुमानित कीमत करीब 03 लाख रुपये है। घटना के बाद समिति और श्रद्धालुओं में गहरा आक्रोश है। लोगों का कहना है कि जिस स्थान को सबसे सुरक्षित और पवित्र माना जाता है, वहीं इस तरह की चोरी ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। सीसीटीवी में कैद ‘शांत’ चोरी, सोशल मीडिया पर सवाल। यह चोरी इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि इसमें न तो ताले टूटे, न कोई तोड़फोड़ हुई। पूरी वारदात योजनाबद्ध और बेहद शांत तरीके से अंजाम दी गई। वीडियो सामने आने के बाद शहर से लेकर सोशल मीडिया तक एक ही सवाल गूंज रहा है “क्या अब भगवान भी सुरक्षित नहीं?”संभागीय मुख्यालय में भी देवालय असुरक्षित? श्रद्धालुओं का कहना है कि यदि संभागीय मुख्यालय जैसे महत्वपूर्ण शहर में मंदिरों की यह हालत है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा का भरोसा कैसे किया जाए? घटना ने यह बहस छेड़ दी है कि क्या मंदिरों की सुरक्षा केवल आस्था के भरोसे छोड़ी जा सकती है? पुलिस अलर्ट, जल्द गिरफ्तारी का दावा घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संदिग्ध की पहचान की जा रही है। आसपास के इलाकों के कैमरे खंगाले जा रहे हैं ताकि बदमाश की पूरी आवाजाही का ट्रेल मिल सके। पुलिस ने जल्द आरोपी की गिरफ्तारी का दावा किया है। आस्था पर चोट या व्यवस्था की चूक? प्रणाम और परिक्रमा के बाद की गई यह चोरी केवल एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि आस्था पर सीधा प्रहार है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या देवालयों की सुरक्षा के लिए नए और सख्त मानक तय होंगे? या फिर भक्त के वेश में आने वाले बदमाश यूं ही लोगों की आस्था को छलते रहेंगे? शहडोल की यह वारदात सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि चेतावनी है आस्था के साथ-साथ सुरक्षा भी जरूरी है।

