डिप्टी रेंजर, बीट गार्ड अवैध खनन मामले में हुए थे सस्पेंड, आरोपीयों को पकड़ने में नाकाम वनविभाग,,,
तो क्या उप वन मंडल अधिकारी दे रहे आरोपियों को संरक्षण 04 माह बाद भी नहीं हो पाई कार्यवाही,,,
शहडोल। बाप बडा ना भईया सबसे बड़ा रुपइया की तर्ज पर चलता अजब गजब का दक्षिण वन मंडल अपराध होता है जिसमें एक डिप्टी रेंजर संतोष पनिका,बिट गार्ड संतोष कुमार पनिका पर गाज गिरी दोनों को वन अधिकारीयों ने सस्पेंड कर दिया। आननफानन में वन कर्मियों ने आरोपीयों के खिलाफ पीओर भी काट दिया फिर भी बेचारा सस्पेंड हो ही जाता है दबंग उपवनमंडल अधिकारी के चाल में फंस जाता है वहीं दुसरा डिप्टी रेंजर नरेन्द्र मिश्रा आता है और मजे की बात यह है कि जैसे ही डिप्टी रेंजर नरेन्द्र मिश्रा पंजिकृत केस में हाथ लगाता है वैसे ही दबंग उपवनमंडल अधिकारी की वकृ दृष्टि डिप्टी रेंजर नरेन्द्र मिश्रा पर पडती है और उस बेचारे पे अधिकारी ने अनुशासनहीनता का आरोप लगा देते है और मजे की बात तो यह है कि 24घंटे के अंदर बेचारा डिप्टी रेंजर नरेन्द्र मिश्रा सस्पेंड कर दिया जाता है बता दें कि दबंग उपवनमंडल अधिकारी जुन में सेवानिवृत्त होने वाले हैं साहब लगे हैं कि जितना बटोर सको बटोर लो। वहीं अब अधिकारी के भ्रष्टाचार के मामला में एक नया मोड़ आ गया एक शिकायत कर्ता ने सीएम हेल्पलाइन पर पुरे मामले की शिकायत दर्ज करा दी वन विभाग में मचा हड़कंप मामला कागजों में तो दर्ज हो गया था मामले को आनलाईन पंजीयन भी कर दिया गया पर आरोपीयों के नाम सीएम हेल्पलाइन में शिकायत के बाद आननफानन में आरोपीयों का नाम दर्ज कराया गया अब मामले को दबाने और आरोपीयों को कैसे राहत दिया जाए के सोच में पड़ गए उपवनमंडल अधिकारी साहब।
सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज
शिकायत कर्ता ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई शिकायत कर्ता ने लिखा कि दिनांक 25/12/2022 को बुढार वनपरिक्षेत्र अंतर्गत वीट सिरौजा परिक्षेत्र सहायक वृत हरदी के RF825 में ठेकेदार मो.इसमाइल सा.धनपुरी और मुकिश शर्मा उपक्षेत्रीय प्रवंधक राजेन्द्रा भूमिगत खदान द्वारा वन भूमि पर अवैध उत्खनन जेसीबी मशीन से कराया जिस पर वन विभाग ने अपराध पंजीबद्ध भी कर दिया पर (एसडीओ) उपवन मंडल जैतपुर रामानुज चौधरी के संरक्षण में आज तक ठेकेदार मो.इसमाइल सा.धनपुरी और मुकेश शर्मा उपक्षेत्रीय प्रवंधक राजेन्द्रा भूमिगत खदान पर कोई कार्यवाही नहीं हुई ना ही वन विभाग के अधिकारियों ने उत्खनन करने वाली जेसीबी मशीन को जप्त नही किया जो बड़े भ्रृष्टाचार को जन्म देता है मेरी मांग वन विभाग के डीएफओ एवं सीसीएफ साहब से है।कि मामले को संज्ञान में लेते हुए ठेकेदार मो.इसमाइल सा.धनपुरी और मुकेश शर्मा उपक्षेत्रीय प्रवंधक राजेन्द्रा भूमिगत खदान पर कड़ीकानूनी कार्यवाही करने की कृपा करें साथ ही जेसीबी मशीन एवं मेटाडोर को जप्त कर कार्यवाही करने की कृपा ।
वन विभाग के उपवन मंडल जैतपुर (एसडीएफो) की कार्यप्रणाली पर उठ रहे प्रश्नचिन्ह
इमानदार एवं अपने कार्य के प्रति बहुत ही सक्रिय रहने वाले उपवन मंडल जैतपुर(एसडीएफो)रामानुज चौधरी जी के क्या कहने साहब सुचना मिलने पर शहडोल मुख्यालय से हरदी वन चौकी ट्रैक्टर पकड़ने पहुंच जाते हैं और 24घंटे वन चौकी में ट्रैक्टर खडा रहता है और फिर उपवन मंडल जैतपुर (एसडीएफो) रामानुज चौधरी जी को ट्रैक्टर मालिक पर दया आजाती है और ट्रैक्टर छुट जाता है साहब बहुत ही दरीयादिल एवं बहुत ही सक्रिय है पर ऐसा क्या है कि 04 माह बीत जाने के बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया आखिर क्यों वन अधिनियम के तहत भा.व.आ.-1927की धारा 26(१)ज के आरोपीयों (ठेकेदार मो.इसमाइल सा.धनपुरी और मुकिश शर्मा उपक्षेत्रीय प्रवंधक राजेन्द्रा भूमिगत खदान )को वन विभाग के अधिकारियों ने अभी तक नहीं पकड़ा तथा मेटाडोर तथा जेसीबी मशीन को 04 माह बाद भी जप्त नही कर पाये सीएम हेल्पलाइन के बाद वन विभाग में मचा हड़कंप मामले को दबाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है और उपवन मंडल जैतपुर (एसडीएफो) रामानुज चौधरी जी शांत बैठे हैं आखिर क्यों।
तो आखिर कौन बचा रहा आरोपीयों को
वहीं आरोपियों को बचाने में जुटा वन विभाग आखिर क्यों बचा रहा है वन विभाग मुकेश शर्मा उपक्षेत्रीय प्रवंधक राजेन्द्रा भूमिगत खदान और ठेकेदार मो.इसमाइल सा.धनपुरी ऐसे गंभीर मामलों में आरोपियों को क्या उप वन मंडल अधिकारी संरक्षण दे रहे हैं क्या बुठार वन परिक्षेत्र अंतर्गत हरदी वन चौकी प्रभारी सहायक वन परीक्षेत्र अधिकारी आखिर क्यों नहीं पकड़ पा रहे हैं आरोपी मुकेश शर्मा उपक्षेत्रीय प्रवंधक राजेन्द्रा भूमिगत खदान और ठेकेदार मो.इसमाइल सा.धनपुरी को आखिर क्यों अभी तक मेटाडोर और जेसीबी मशीन को जप्त नहीं कर पाए मामला गंभीर है अब देखना यह होगा कि क्या वन विभाग के अधिकारी आरोपियों को पकड़ने में सफल हो पाते हैं या फिर चालान पेश कर आरोपियों को संरक्षण देते हैं क्या जेसीबी एवं मेटाडोर जप्त होती है या फिर बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपैया के तर्ज पर चलता रहेगा दक्षिण वन मंडल।अब देखना यह है कि दक्षिण वन मंडल के मुखिया डीएफओ साहब एवं संभाग के मुखिया सीसीएफ साहब ऐसे गंभीर मामलों में क्या कार्यवाही करते हैं।
शेष अगले अंक में कैसे वन अधिकारी खेल रहे कागजों में .........
इनका कहना है
भ्रष्टाचार के गंभीर मामले पर जानकारी के लिए फोन लगाया गया और फोन की घंटी बजती रही पर साहब ने फोन नहीं उठाया।
अशोक कुमार सोलंकी डीएफओ दक्षिण वन मंडल शहडोल