रेल विभाग आई ओ डब्लू नंदकिशोर की जय हो,फूल पौधों से दुश्मनी,कचरे से प्यार,वाह रे शहडोल रेल्वे ये कैसा व्यवहार,,?

फूल पौधों से दुश्मनी,कचरे से प्यार,वाह रे शहडोल रेल्वे ये कैसा व्यवहार,,?


शहडोल। वैसे तो हरे भरे पौधे, फूल व हरियाली वातावरण और शुद्ध हवा के लिये हर व्यक्ति की जरुरत हैं लेकिन शहडोल जिले में तैनात रेल्वे के अधिकारियों को यह नापसंद हैं। हम ऐसा इसलिये कह रहे हैं कि क्योंकि शहडोल जिला मुख्यालय में तैनात रेल्वे के जिम्मेदार अधिकारियों का कुछ व्यापारियों से कुछ ऐसा गठजोड़ सामनें आया हैं जो समूचे शहडोल में तैनात रेल्वे प्रबंधन के कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहा है। 


यह आपको भी पता होगा कि रेल्वे एक ऐसा विभाग है जहां कि किसी भी संपत्ति का नुकसान पहुंचाना आपको बड़ी मुसीबत में डाल सकता है। रेल्वे की संपत्ति को नुकसान पहुंचानें वाले को सजा से लेकर जुर्मानें तक के कठोर प्रावधान हैं। लेकिन शहडोल जिला मुख्यालय में कुछ ऐसे व्यापारी हैं जो न सिर्फ रेल्वे की संपत्ति को निरंतर नुकसान पहुंचा रहे हैं बल्कि अपनें फायदे के लिये उन तमाम कायदों को भी खुलेआम तोड़ते नजर आ रहे हैं जिनके बारे में कोई आम इंसान सोच भी नहीं सकता। 

दरअसल शहडोल में रेल्वे की भूमि और आवास क्षेत्र से से लगे ऐसे कई व्यापारियों के संस्थान संचालित हैं जिनके उपयोग के लिये वह रेल्वे के मार्ग का इस्तेमाल करते हैं। इनमें से ही एक है जलसा टाईल्स प्लांट के संचालक का गोदाम और साथ ही स्क्रैप का व्यापार करनें वाले कुछ व्यापारी जिनकी मनमर्जी के आगे रेल्वे का अतिक्रमण विभाग नतमस्तक नजर आता है।


क्यों खड़े हो रहे रेल्वे प्रबंधन पर सवाल

रेल्वे जैसे संवेदनशील विभाग पर सवाल खड़े होनें की ऐसी तमाम बातें हैं जिसे जानकर आप भी  इनकी कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह जरुर लगायेंगे। दरअसल शहडोल की रेल्वे कालोनी का एक हिस्सा जो कि दरभंगा चौक से किरण टॉकीज  होकर जाता हैं उसमें जहां एक तरफ निजी राजस्व की भूमि हैं वहीं दूसरी तरफ रेल्वे कालोनी के स्टॉफ क्वार्टर सहित तमाम बिल्डिंग बनें हुये हैं। बीते दिनों किरण टॉकीज के नजदीक चर्च के पहले रेल्वे कालोनी की एक कंक्रीट से बनी नाली को जलसा टाइल्स के गोदाम के संचालक के कार्य में लगे वाहन द्वारा तोड़ दिया गया, हलांकि इस‌ नाली के टूटनें पर उन्होनें अपना पक्ष रखते हुये यह भी कहा कि जिस वाहन से यह नाली टूटी उससे उनका कोई लेना देना नहीं था। जलसा के संचालक विशाल लहोरानी ‌नें नाली टूटनें के बाद इसकी शिकायत रेल्वे से की, जिस पर रेल्वे के जिम्मेदार अधिकारी का नियमों के विपरीत बड़ा ही उदारवादी व्यवहार सामनें आया जो प्राय: आता नहीं हैं। रेल्वे के अधिकारी नें न ही इस मामले पर कोई कार्यवाही की और न ही किसी तरह का जुर्माना लगाया, बल्कि अपनी उदारता दिखाते हुये जसला के संचालक को उक्त टूटी नाली के निर्माण की न सिर्फ अनुमति दे दी बल्कि उसके इस निर्माण कार्य में लोहे के सरिया आदि  भी उपलब्ध करा दिये।


चलिये इस जानकारी के बाद यह तो तय हैं कि यदि जब तक शहडोल जिले के रेल्वे विभाग आई ओ डब्लू के पद कर नंदकिशोर जैसे अधिकारी तैनात हैं और आपसे रेल्वे के किसी संपत्ति की छति हो जाती हैं तो आपको परेशान होनें या घबरानें की आवश्यकता नहीं हैं। आप सीधे आईओडब्लू साहब के पास जाकर जानकारी दे सकते हैं और उसके बाद बिना किसी कठोर कार्यवाही के आपको उसे सुधार करनें का साहब मौका दे देंगे। रही बात गुणवत्ता की तो वह तो आप समझ लीजिये कि जब इतना मैंनेज हो सकता है तो वह भी मैनेज हो जायेगा।


गौरतलब है कि रेल्वे की यह सड़क वैसे तो आम जन की सुविधा व आवाजाही के लिये हैं। इस सड़क की न ही बड़े भारी वाहन के भार वहन की क्षमता हैं और न ही इस पर बडे भारी वाहनों का आवागमन होना चाहिये। ऐसी दशा में रेल्वे द्वारा सड़क की आवाजाही व सुरक्षा के लिहाज से स्टापर भी लगे होनें चाहिये। लेकिन ऐसा भी नहीं हैं। सड़क से जहां सरपट भारी वाहनों की आवाजाही होती हैं वहीं दिनभर दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती हैं। एक तरफ जहां सड़क खराब हो रही हैं वहीं दूसरी तरफ उदारवादी जिम्मेदार रेल्वे अधिकारी इस दिशा में कोई ठोस कार्यवाही या इसे रोकनें के लिये पहल करते नजर नहीं आये। इसे विडंबना ही माना जाये कि इस सड़क से होकर जिले का नामी स्क्रैप व्यापारी का गोदाम भी मौजूद है, जिसके द्वारा भी इस सड़क का दिन रात इस्तेमाल किया जाता है। 

उदारवादी अधिकारी को हरियाली से है परहेज, उजाड़ दिये फूल पौधे

आईए अब आपको हम भगवान के मंदिर में भगवान की पूजा के लिए लगाए गए फूल पौधा को अतिक्रमण बताकर दलबल के साथ उखाड़ने वाले अधिकारी आई ओ डब्लू नंदकिशोर की कार्रवाई बताते हैं, शहडोल स्टेशन रोड में रोड के किनारे बने विपलेश्वर महादेव मंदिर के फेंसिंग से सटकर फूल पौधों का रोपण वहां के भक्तों के द्वारा भगवान की पूजा अर्चना को लेकर किया गया था जिसे आई ओ व नंदकिशोर साहब को फूल पौधे अतिक्रमण नजर आ रहे थे जिस पर साहब ने तत्काल करवाई सुनिश्चित कर फूल पौधों को उखाड़ फेंका जरा समझिए साहब की मानसिकता एक तरफ बड़े व्यापारियों को संरक्षित कर रहे हैं तो दूसरी तरफ पौधारोपण फूल पौधों को लगाने की जहां सरकार मुहिम छेड़ रही है वही भगवान की पूजा के लिए लगाए गए कुछ पौधों को साहब ने अतिक्रमण मान लिया। जहां अतिक्रमण और शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है वहां साहब की कलम और नजर आखिर क्यों नहीं जा रही इसकी जांच रेलवे के उच्च स्तरीय अधिकारियों और विजिलेंस को करना चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। वह इस मामले पर शहडोल के सहायक मंडल अभियंता पंकज कुमार ने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से मना कर दिया।

वहीं इस मामले पर एक नया मोड़ आया है जहां मंदिर के पुजारी ब्रह्मचारी आनंद कुमार दुबे  मंदिर की 24 घंटे देखभाल के मददेनजर बगल से ही रेलवे के छोटे से कमरे में पिछले 25 सालों से अपने निवास और निस्तार के लिए रह रहे हैं आपको बता दे रेलवे कॉलोनी की छोटी काली बाड़ी कालीबाड़ी वेंकटेश मंदिर जैसे धार्मिक स्थलों में पुजारी के सापरिवार रहने की व्यवस्था बनी हुई है लेकिन आई ओ डब्लू नंदकिशोर ने मंदिर के फूल पौधों को उखाड़ फेंका तो दूसरी तरफ ठेकेदार मोहम्मद कुरैशी के मुंशी और लोग व्यक्तिगत दुर्भावना से पुजारी के रहने के उस कमरे को डिस्मेंटल करने का बिना नोटिस और जानकारी दिए बगैर जेसीबी लेकर धमकी चमकी के साथ तोड़ने पहुंच गए इस मामले पर पुजारी आनंद कुमार दुबे ने सिटी कोतवाली शहडोल में एक लिखित शिकायत दर्ज करते हुए ठेकेदार मोहम्मद कुरैशी पर जातिगत का भावना से प्रेरित होकर कार्रवाई करने का गंभीर आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने का आवेदन दिया गया है। रेल प्रशासन की जोन और डिविजन  के आलाधिकारी की मनसा हमेशा से मानवीय संवेदना और जीरो टॉलरेंस की रही है लेकिन शहडोल स्टेशन और रेलवे कॉलोनी में अपनी सेवाएं दे रहे आई ओ डब्लू नंदकिशोर साहब अपने आला अधिकारियों की मनसा पर पानी फेरते दिख रहे हैं।

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